– मांगों का निस्तारण जल्द न होने पर प्रदेश स्तर पर शुरू होगा आंदोलन
देहरादून(आरएनएस)। उत्तराखंड जल संस्थान कर्मचारी संगठन ने मुख्य महाप्रबंधक जल संस्थान को आंदोलन का नोटिस देते हुए मांगों का जल्द निस्तारण न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी। पेयजल योजनाओं पर जल संस्थान को पूर्ण अधिकार देने की मांग की। योजनाओं के संचालन का जिम्मा उत्तराखंड अर्बन सेक्टर डेवलपमेंट एजेंसी से वापस लेने पर जोर दिया।
महामंत्री श्याम सिंह नेगी ने सीजीएम जल संस्थान को भेजे पत्र में कहा कि पेयजल एक्ट में योजनाओं के निर्माण और संचालन को लेकर स्पष्ट व्यवस्था है। पेयजल और सीवरेज योजनाओं का संचालन जल संस्थान को ही करना है। इसके बावजूद एक्ट में बदलाव किए बिना ही शहरी विकास की एजेंसी को योजनाओं के संचालन का जिम्मा दिया जा रहा है। तत्काल इस अव्यवस्था पर रोक लगाते हुए आदेश निरस्त किए जाएं। जल्द योजनाओं को जल संस्थान के हैंडओवर किया जाए।
कहा कि पेयजल को राजकीय विभाग बनाने की दिशा में कार्रवाई की जाए। तत्काल पेयजल को राजकीय विभाग बनाया जाए। कर्मचारियों को पीएफ में हो रहे नुकसान को रोका जाए। राज्य कर्मियों की तरह जीपीएफ पर मिलने वाला ब्याज सुनिश्चित कराया जाए। मौजूदा समय में जीपीएफ पर मिलने वाले ब्याज पर टीडीएस की कटौती को बंद किया जाए।
कहा कि विभाग में आईटीआई पंप चालकों का ग्रेड वेतन 1900 के स्थान पर 2400 रुपए दिया जाए। ढांचे में मृत पदों को पुनर्जीवित किया जाए। विभाग में शाखा वार हेड फीटर, पाइप लाइन अधीक्षक, शिफ्ट इंचार्ज, पंप हाउस अधीक्षक का वेतनमान ग्रेड वेतन 4200 किया जाए। पीटीसी कर्मचारियों का मानदेय बढ़ाया जाए। विभागीय ढांचे को शीघ्र स्वीकृत किया जाए। जल्द मांगों का निस्तारण न होने पर आंदोलन तय है।