पौड़ी(आरएनएस)। स्मार्ट मीटर का विरोध करते हुए मंगलवार को सीपीएम, आम आदर्मी पार्टी, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी, नागरिक कल्याण मंच ने विद्युत वितरण खंड कार्यालय में एसडीओ के माध्यम से मुख्य महाप्रबंधक को ज्ञापन भेजा। उन्होंने बिजली बोर्ड के निजीकरण करने का भी आरोप लगाया। मंगलवार को ज्ञापन भेजते हुए विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों ने कहा कि स्मार्ट मीटर से गरीब, किसानों, मजदूरों व मध्यमवर्गीय परिवारों को समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि महंगी बिजली व जबरदस्ती थोपा गया स्मार्ट मीटर बिना सहमति के लगाया जाना उचित नहीं है। कहा कि बिजली के निजीकरण के लिए पांच बार लोकसभा में बिजली बिल बहुमत होने के बावजूद पारित नहीं किया गया। पदाधिकारियों ने कहा कि स्मार्ट मीटर से लाखों कर्मचारियों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा और बिजली विभाग के सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन पर प्रश्नचिह्न लग जाएगा। संविदा कर्मचारियों से कम मानदेय में ज्यादा काम लिया जाएगा व स्थाई रोजगार समाप्त होगा। कहा कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद बीपीएल परिवारों, भूतपूर्व सैनिकों, किसानों, लघु उद्योगों के क्षेत्र में लगे कर्मचारियों को बिजली के छूटों में कटौती होगी। इस मौके पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) के जिला सचिव सुरेंद्र सिंह रावत, परिवर्तन पार्टी के महासचिव नरेश नौटियाल, सीटू के जिलामंत्री देवानंद नौटियाल, नागरिक कल्याण मंच के अध्यक्ष रघुवीर सिंह रावत, सचिव गबर सिंह नेगी, ठाकुर सिंह, शिवप्रसाद रतूड़ी आदि शामिल रहे।