पर्यावरण मित्रों की प्रदेश स्तरीय समस्याओं का तत्काल निराकरण करे सरकार- बिट्टू कर्नाटक

अल्मोड़ा। आज 23 जुलाई को पूर्व उपाध्यक्ष एनआरएचएम बिट्टू कर्नाटक ने मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड को जिलाधिकारी अल्मोड़ा के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित कर उनका ध्यान सफाई कर्मचारियों (पर्यावरण मित्रों) की प्रदेश स्तरीय समस्याओं की ओर आकर्षित करते हुए तत्काल निराकरण किये जाने की मांग की तथा कहा कि पूर्व में भी 9 जून को ज्ञापन प्रेषित कर अवगत कराया गया था जिस पर अपेक्षित कार्यवाही न होने के कारण विवश होकर आज ये कर्मचारी आन्दोलनरत हैं। जिस कारण सफाई व्यवस्था प्रभावित होने से कूड़े के ढ़ेर लग गये हैं जिनसे उठने वाली दुर्गन्ध से बीमारियों के फैलने का खतरा उत्पन्न हो गया है। कोरोना संक्रमण के दौर में यह दुर्गन्ध नागरिकों के स्वास्थ्य के लिये अधिक हानिकारक सिद्ध हो सकती है ।
उन्होंने कहा कि जहां कोरोना महामारी के दौरान निरन्तर ऐसी घटनायें संज्ञान में आती रही कि परिजनों ने कोरोना संक्रमित देहों को त्याग दिया अथवा तीमारदार कोरोना संक्रमितों के निकट नहीं गये वहीं पर्यावरण मित्रों द्वारा उनके परिजनों की भूमिका भी निभाई गयी साथ ही स्वयं एवं अपने परिवार की परवाह न कर वे फ्रंटलाइन वर्कर के रूप में दिन-रात नागरिकों के जीवन को बचाने तथा संक्रमण को फैलने से रोकने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे। इनके समर्पण एवं इनके द्वारा निभाई गयी सामाजिक निष्ठा एवं दायित्वों की अनदेखी कर इन कर्मचारियों की उचित मांगों पर सकारात्मक निर्णय न लेना कदापि न्यायोचित नहीं है।
श्री कर्नाटक ने मुख्यमंत्री से मांग की कि सफाई कर्मचारियों (पर्यावरण मित्रों) द्वारा प्रस्तुत मुख्य मांगों जो इस प्रकार हैं पर तत्काल व्यक्तिगत रूचि लेते हुए प्राथमिकता एवं मानवीय आधार पर उचित निर्णय लेकर आदेश निर्गत करने का कष्ट करें
1- स्थानीय निकायों तथा समस्त विभागों में सफाई कार्य में लागू ठेका प्रथा समाप्त करते हुए सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति की जाय
2- पर्यावरण मित्र /वाहन चालक पद को नियमित नियुक्ति के अकेन्द्रीय पद एवं पर्यावरण पर्यवेक्षक के पद को सीधी भर्ती में 50%पदोन्नति करते हुए किया जाय
3- स्वच्छक कर्मचारियों के पदों पर नियमित नियुक्ति दी जाय तथा निकायों व समस्त विभागों में संविदा,मोहल्ला समिति,उपनल व आउटसोर्सिंग सफाई कर्मचारियों को नियमित किया जाए
4- दस हजार जनसंख्या के मानक पर पर्याप्त सफाई कर्मचारियों की तैनाती की जाय।
5- स्वच्छक कर्मचारियों (पर्यावरण मित्रों) को कनिष्ठ सहायक, पर्यावरण पर्यवेक्षक और सफाई निरीक्षक, चालक के पदों पर पदोन्नति मिले तथा वाहन चालकों की नियुक्ति की जाय
6- संविदा आदि में नियुक्त कर्मचारियों की मृत्यु होने पर मृतक के आश्रित को नियुक्ति दिये जाने का प्रावधान किया जाय
7- वर्ष 2005 से बन्द की गयी पुरानी पेंशन योजना बहाल किया जाय
8- सफाई कर्मचारियों का 10 लाख का जीवन बीमा कराया जाय तथा स्वास्थ्य बीमा के अन्तर्गत भी आच्छादित किया जाय
9 -निकाय कर्मचारियों को राज्य कर्मचारियों की भांति मकान भत्ता व अन्य देय समस्त भत्ते दिये जाने का प्राविधान किया जाय
10 -निकाय क्षेत्र में पीढ़ी दर पीढ़ी रह रहे सफाई कर्मचारियों और उनके आश्रितों को आवासों तथा नजूल भूमि पर बनाये गये मकानों/भूमि पर मालिकाना हक दिया जाय
11 -पर्यावरण मित्र पद नाम को संशोधित कर सफाई सैनिक किया जाय।
श्री कर्नाटक ने पुनः मुख्यमंत्री से अपेक्षा की कि कर्मचारियों के हित में तत्काल निर्णय लेकर एक आदर्श प्रस्तुत किया जाय जिससे आन्दोलित कर्मचारी पुनः अपना कार्य पूर्ववत् कर सकें साथ ही अधिक समर्पित भावना से नागरिकों के जीवन की रक्षा करने में उनका मनोबल बना रहे।