देहरादून(आरएनएस)।  नियमितिकरण की मांग लेकर राज्य निगम कर्मचारी/अधिकारी महासंघ ने दून में आक्रोश रैली निकाली। सीएम आवास कूच कर रहे कर्मचारियों को पुलिस ने एस्लेहॉल में रोक दिया। इससे खफा कर्मचारी सड़क पर ही धरने में बैठ गए। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक का लिखित आश्वासन मिलने के बाद कर्मचारी शांत हुए। शनिवार को राज्य निगम कर्मचारी/अधिकारी महासंघ के बैनर तले प्रदेश के सार्वजनिक निगम, निकाय और उपकर्मों में कार्यरत ‌संविदा, दैनिक वेतन भोगी, विशेष श्रेणी, उपनल, आउटसोर्स,अंशकालिक पीटीसी परेड ग्राउंड में एकत्र हुए। यहां से कर्मचारियों ने आक्रोश रैली शुरू कर मुख्यमंत्री आवास कूच किया। वह नारेबाजी करते हुए कर्मचारी हाथीबड़कला पहुंचे, यहां पुलिस ने बैरेकेडिंग लगाकार कर्मचारियों को रोक दिया। इससे कर्मचारियों का गुस्सा और बढ़ गया और पुलिस के साथ नोकझोंक के बाद सड़क पर ही धरने में बैठ गए। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश पंत ने कहा कि कर्मचारियों के नियमितकरण करने में सरकार की टाल मटोल नीति से कर्मचारी आक्रोशित हैं। 2025 की नियमितिकरण नियमावली कर्मचारी और जनता को भ्रमित करने वाली है। इसमें चार दिसंबर 2008 की कट ऑफ डेट है, जबकि 31 दिसंबर 2011 तक के कर्मचारी 2016 की नियमितीकरण नियमावलि के तहत नियमित हो चुके हैं, ऐसे में कर्मचारियों को इस नीति का फायदा नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने ऐसी नीति बनाने की मांग की है, जिससे सभी कर्मचारी नियमित हो सके। सूचना पर सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्युष सिंह मौके पर पहुंचे। कर्मचारियों का मांग पत्र सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। इसके साथ ही 24 दिसंबर को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक का लिखित आश्वासन भी दिया गया। इसके बाद कर्मचारियों ने धरना समाप्त किया। रैली में महासंघ के महासचिव श्याम सिंह नेगी, संरक्षक दिनेश गोसाईं, बीएस रावत, राजेश रमोला, डिप्लोमा इंजीनियर महासंघ पेयजल निगम के अध्यक्ष अजय बेलवाल, पेयजल निगम कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष गौरव बर्तवाल, रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष मेजपाल, उत्तराखंड जनसाधारण कर्मचारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष संजय जोशी, गढ़वाल मंडल विकास निगम कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष मनमोहन सिंह चौधरी, वन निगम कर्मचारी संघ के अध्यक्ष टीएस बिष्ट, भूपेंद्र बुटाला, अतुल कुमार, मुकेश नैथाणी, स्वराज सिंह मौजूद रहे।

इन निगमों के कर्मचारी रहे शामिल- रैली में उत्तराखंड परिवहन निगम, उत्तराखंड जल संस्थान कर्मचारी संगठन, उत्तराखंड पेयजल निगम कर्मचारी महासंघ, गढ़वाल मंडल विकास निगम कर्मचारी संगठन, गढ़वाल मंडल विकास निगम कर्मचारी महासंघ, कुमाऊं मंडल विकास निगम महासंघ, उत्तराखंड पेयजल निगम डिप्लोमा इंजीनियर महासंघ, उत्तराखंड वन निगम महासंघ, स्वास्थ्य विभाग संविदा कर्मचारी संघ, उत्तराखंड बीज एवं तराई विकास निगम संगठन, आपदा प्रबंधन संविदा महासंघ, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड संविदा महासंघ से जुड़े कर्मचारी शामिल रहे।