देहरादून (आरएनएस)। नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) 2025 में उत्तराखंड के आठ शिक्षण संस्थानों ने जगह बनाई है। हालांकि, राज्य सरकार के अधीन कोई भी कॉलेज इस बार भी रैंकिंग में शामिल नहीं हो सका है। प्रदेश के दो केंद्रीय विश्वविद्यालयों को अब भी पहली बार रैंकिंग में जगह बनाने का इंतजार है। फार्मेसी श्रेणी में कुमाऊं विश्वविद्यालय 11 पायदान नीचे खिसक गया है।

आईआईटी रुड़की ने इस बार भी बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए कई श्रेणियों में शीर्ष स्थान हासिल किए हैं। ओवरऑल कैटेगरी में आईआईटी रुड़की देश में सातवें स्थान पर रहा। आर्किटेक्चर और प्लानिंग श्रेणी में इसे देशभर में पहला स्थान मिला। इंजीनियरिंग कैटेगरी में छठी रैंक, रिसर्च में आठवीं, मैनेजमेंट में 22वीं, इनोवेशन में आठवीं और सतत विकास लक्ष्यों की श्रेणी में भी आठवीं रैंक प्राप्त हुई।

यूपीईएस देहरादून ने छह कैटेगरी में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। इसे ओवरऑल में 64वां स्थान मिला, जबकि विश्वविद्यालय श्रेणी में 45वां स्थान हासिल हुआ। रिसर्च कैटेगरी में 46वीं, इंजीनियरिंग में 43वीं, मैनेजमेंट में 36वीं और लॉ कैटेगरी में 18वीं रैंक प्राप्त हुई।

ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी देहरादून ने इस बार अपनी रैंकिंग में सुधार किया है। इसे ओवरऑल कैटेगरी में 72वां, विश्वविद्यालय श्रेणी में 48वां, इंजीनियरिंग में 52वां और मैनेजमेंट में 52वां स्थान मिला।

फार्मेसी श्रेणी में उत्तराखंड के तीन संस्थान शामिल हुए। कुमाऊं विश्वविद्यालय 73वें, उत्तरांचल यूनिवर्सिटी 75वें और डीआईटी विश्वविद्यालय 83वें स्थान पर रहा। मेडिकल कैटेगरी में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश को देशभर में 13वीं रैंक हासिल हुई, जबकि ओवरऑल कैटेगरी में यह 78वें स्थान पर रहा।

मैनेजमेंट श्रेणी में आईआईटी रुड़की 22वें और भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) काशीपुर 23वें स्थान पर रहे। इसके अलावा यूपीईएस 36वें और ग्राफिक एरा 52वें स्थान पर रहा। कृषि श्रेणी में गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय पंतनगर ने नौवां स्थान हासिल किया।

कॉलेज श्रेणी में उत्तराखंड का कोई भी कॉलेज टॉप-100 में जगह बनाने में सफल नहीं हो सका।