देहरादून। मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देश और जिलाधिकारी सविन बंसल की सख्त निगरानी में देहरादून जिला प्रशासन ने शिक्षा के नाम पर मनमानी वसूली करने वाले निजी स्कूलों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। फीस बढ़ोतरी को लेकर सामने आए कई मामलों में अब कार्रवाई की जा रही है। इसी क्रम में भनियावाला स्थित प्रेसिडेंसी इंटरनेशनल स्कूल पर ₹5,72,000 का जुर्माना लगाया गया है।
इस स्कूल के खिलाफ 100 से अधिक अभिभावकों ने मनमानी फीस वृद्धि और मान्यता नवीनीकरण लंबित होने की शिकायतें की थीं। जांच में आरोप सही पाए गए। इसके बाद प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए भारी-भरकम पेनल्टी लगाई, जिसे स्कूल प्रबंधन ने चेक के माध्यम से जमा कर दिया है।
स्कूल ने दी फीस घटाने की लिखित सहमति
जुर्माना भरने के साथ ही स्कूल प्रबंधन ने जिला प्रशासन को एक लिखित पत्र सौंपा है, जिसमें भविष्य में फीस कम करने और पारदर्शिता बनाए रखने की बात कही गई है। उल्लेखनीय है कि यह वही स्कूल है, जो पहले प्रशासन के बार-बार बुलाने के बावजूद जवाब देने से बच रहा था, लेकिन दस्तावेजों की जांच के बाद वास्तविकता सामने आ गई।
प्रशासन की ‘जीरो टॉलरेंस नीति’ का दिख रहा असर
जिलाधिकारी सविन बंसल की अगुवाई में जिला प्रशासन शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने को लेकर गंभीर है। ‘जीरो टॉलरेंस नीति’ के तहत जिले भर में निजी स्कूलों की गतिविधियों की जांच जारी है। प्रशासन का यह रुख अभिभावकों के लिए राहत देने वाला साबित हो रहा है, जबकि निजी स्कूल प्रबंधन अब जवाबदेही के दायरे में आ रहे हैं।
शिक्षा के नाम पर लूट नहीं होने देंगे
प्रशासन का स्पष्ट संदेश है कि शिक्षा को व्यवसाय नहीं बनने दिया जाएगा। प्रेसिडेंसी स्कूल पर हुई कार्रवाई इसका उदाहरण है कि अब जिला प्रशासन की निगरानी में कोई भी संस्थान फीस के नाम पर मनमानी नहीं कर सकेगा।
प्रशासन की इस सख्ती के बाद अभिभावकों में उम्मीद जगी है कि अन्य स्कूलों की भी जांच होगी और शिक्षा को फिर से सामाजिक दायित्व और नैतिक मूल्यों से जोड़ा जाएगा। लोगों की मांग है कि यह मुहिम केवल देहरादून तक सीमित न रहे, बल्कि राज्यभर के उन स्कूलों पर भी कार्रवाई हो जो शिक्षा को कारोबार बना चुके हैं।