नशा मुक्त समाज और रोजगार को मौलिक अधिकार बनाने पर हुई चर्चा

अल्मोड़ा। ‘नशा नहीं, रोज़गार दो’ जन अभियान के तहत आयोजित एक बैठक में नशे के बढ़ते प्रकोप और बेरोज़गारी की समस्या पर गहन चर्चा की गई। बैठक में सामाजिक और राजनीतिक संगठनों से नशे के सौदागरों और उन्हें राजनीतिक संरक्षण देने वालों को बेनक़ाब करने तथा रोजगार को मौलिक अधिकार का दर्जा दिलाने के लिए एकजुट होने की अपील की गई। उपपा कार्यालय में आयोजित इस बैठक की अध्यक्षता एडवोकेट नारायण राम ने की, जबकि संचालन सोनी मेहता द्वारा किया गया। अभियान के संयोजक पी.सी तिवारी ने कहा कि नशा और बेरोज़गारी उत्तराखंड के भविष्य के लिए सबसे बड़े अभिशाप बन चुके हैं। जब तक इन समस्याओं से मुक्ति नहीं मिलती, राज्य की वास्तविक अवधारणा को साकार करना संभव नहीं है। बैठक में निर्णय लिया गया कि अभियान को विद्यालयों, महाविद्यालयों, अन्य शैक्षणिक संस्थानों और अभिभावकों तक पहुंचाने के लिए युवाओं की एक सक्रिय टीम का गठन किया जाएगा। बैठक में मुहम्मद साकिब, चंपा सुयाल, कमला, राजू गिरी, अनीता बजाज, उछास की भावना पांडे, पंकज सिंह पाना समेत कई अन्य सामाजिक कार्यकर्ता और जागरूक नागरिक उपस्थित रहे।