अल्मोड़ा। ग्रामीण समाज कल्याण समिति (ग्रास) संस्था ने नाबार्ड द्वारा प्रायोजित मोटे अनाजों का उत्पादन एवं विपणन विषय पर 10 दिवसीय प्रशिक्षण धामस के 90 महिला किसानों के 02 बैच में प्रारम्भ किया। कार्यक्रम में गिरीश चन्द्र पन्त, जिला विकास प्रबन्धक नाबार्ड ने कहा कि महिला किसान पर्वतीय क्षेत्र की रीढ़ है। फसल उत्पादन, पशुपालन, चारा प्रबन्धन का बोझ महिलाओं पर निर्भर है। मोटे अनाजो में मंडुवा, झंगोरा, कौड़ी, गहत, भट्ट, चैलाई आदि भी यहां की मुख्य उत्पादन फसलें है। इसकी वैज्ञानिक विधि से खेती करने से उत्पादन बढ़ेगा जिससे किसानों की आय बढ़ेगी। संस्था अध्यक्ष गोपाल सिंह चौहान ने महिला समूहों, किसानों एवं अधिकारियों का स्वागत करते हुए कहां मोटे अनाजों का उत्पादन विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान, हवालबाग के वैज्ञानिकों के अनुसार करेंगे तो आय में बढ़ोतरी होगी। कृषि प्रभारी, हवालबाग अरविन्द गुप्ता ने महिला किसानों को अवगत कराया कि कृषि विभाग द्वारा प्रत्येक न्याय पंचायत स्तर में सचल केन्द्र स्थापित किये गये हैं। इनसे दवा खाद एवं कृषि यन्त्र की सुविधा प्राप्त कर सकते है। उन्होने बताया कि कुरमुला कीटनाशक हेतु लाईट ट्रैप दिये गये हैं व कृषि यन्त्र 80 प्रतिशत छूट में विभाग दे रहा है। मास्टर ट्रेनर तेज सिंह रावत ने प्रशिक्षण में अवगत कराया कि मृदा जांच आवश्यक है। प्रत्येक किसान मृदा जांच करवायेंगे तभी भूमि में उर्वरक खादों का प्रयोग किया जाएगा। मंडुवा, झंगोरा, दालों को पंक्ति बद्ध तरीके से लगाने के गुण बताए। कार्यक्रम का संचालन निदेशक भूपेन्द्र चौहान ने किया। इनके अलावा संदर्भ व्यक्ति हरीश पाठक, सुरेन्द्र बिष्ट, उदय, प्रगति, प्रेरणा, दिशा, जय गोलू, सदाबहार, पायल आदि समूहों की महिलाओं ने अपनी समस्याएं प्रस्तुत की।