चमोली। नंदानगर क्षेत्र में आई आपदा ने कई परिवारों को गहरे सदमे में डाल दिया है। कुंतरी गांव में बुधवार देर रात मलबे में दबकर एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई, जबकि घर के मुखिया कुंवर सिंह को राहत दल ने जीवित निकाल लिया।
घटना के बाद लगभग 16 घंटे तक चले बचाव अभियान के दौरान कुंवर सिंह को सुरक्षित निकाल लिया गया था, लेकिन उनकी पत्नी कांता देवी (38) और जुड़वा बेटे विकास व विशाल का कोई पता नहीं चल पाया था। शुक्रवार को जब राहत दल ने दोबारा मलबा हटाना शुरू किया तो मकान के एक हिस्से में तीनों के शव मिले। दुखद यह रहा कि कांता देवी और दोनों बच्चे एक-दूसरे से लिपटे हुए पाए गए।
विकास और विशाल कक्षा चार के छात्र थे। परिवार का गुजारा कुंवर सिंह मेहनत-मजदूरी कर करते थे। हाल ही में उन्होंने नया मकान बनवाया था, लेकिन आपदा ने उनकी खुशियों को मातम में बदल दिया।
कुंवर सिंह वर्तमान में श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में भर्ती हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार उनकी मानसिक स्थिति को देखते हुए अभी तक उन्हें पत्नी और बच्चों की मौत की जानकारी नहीं दी गई है। वह लगातार उनके बारे में पूछते रहते हैं, और ग्रामीण उन्हें बताते हैं कि उनका परिवार राहत शिविर में सुरक्षित है।
पोस्टमार्टम के बाद कांता देवी और दोनों बच्चों का अंतिम संस्कार नंदप्रयाग स्थित चक्रप्रयाग घाट पर नंदाकिनी नदी के किनारे किया गया। रिश्तेदारों ने उन्हें मुखाग्नि दी।