देहरादून(आरएनएस)। वन मुख्यालय में विभिन्न मांगों को लेकर धरने पर बैठे उत्तराखंड वन बीट अधिकारी एवं वन आरक्षी संघ का धरना प्रदर्शन स्थगित हो गया है। अधिकारियों से मांगों पर हुई सकारात्मक वार्ता के बाद ही कर्मचारी संगठन ने धरना स्थगित करने का फैसला लिया। मांगों को लेकर 16 नवंबर से वन मुख्यालय पर जिला स्तर, वृत्त स्तर तथा प्रभागीय स्तर की मांगों को लेकर धरना चल रहा था। 22 नवंबर को आंदोलननरत कर्मियों ने विशाल बैठक का आयोजन किया। इसमें संघ के राष्ट्रीय स्तर के नेता भी शामिल हुए। संघ पदाधिकारियों की प्रमुख वन संरक्षक (HOFF) व मुख्य वन संरक्षक मानव संसाधन विकास एवं कार्मिक प्रबन्धन उत्तराखंड के साथ वार्ता हुई। वार्ता सकारात्मक रहने और मांगों के समाधान को आश्वासन मिलने के बाद धरना स्थगित कर दिया गया। आश्वासन दिया गया कि संघ की मांगों पर सहानुभूति पूर्वक प्रस्ताव बनाकर शासन को प्रेषित किया जाएगा।
ये है मांगे
– 292 वन दरोगा की नियुक्ति किस आधार पर की गयी, जबकि न्यायालय में प्रकारण लम्बित था। इसकी संघ को स्पष्ट जानकारी दी जाए।
– 10 वर्ष पूर्ण कर चुके वन आरक्षियों को 2400 की जगह 2800 का ग्रेड पे अनुमन्य किया जाए।
– उप वन क्षेत्राधिकारी के पद पर पदोन्नति के लिए कर्मचारी के मूल पद (वन आरक्षी व वन दरोगा पद) की कुल सेवा 16 वर्ष करने के सम्बन्ध में।
– 10 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके सैकडों पीड़ित वन आरक्षियों की पदोन्नति।
– वन सेवा नियमावली में 2018 में पूर्व की भांति वन आरक्षी से वन दरोगा के पद पर शत प्रतिशत पदोन्नति का प्राविधान किया जाये।
– मकान किराया भत्ता, धुलाई भत्ता व वाहन भत्ता बाजार मूल्य के आधार पर तय किया जाय।
– एक माह का अतिरिक्त वेतन करने के सम्बन्ध।
बैठक में ये रहे उपस्थित
बैठक में अखिल भारतीय वन अधिकारी महासंघ, नई दिल्ली के राष्ट्रीय अध्यक्ष सतीश मिश्रा, राष्ट्रीय महासचिव कमल यादव, राष्ट्रीय सलाहकार देवराज, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष अरूण पांडे, परिषद के संरक्षक चौधरी ओमवीर सिंह, सहायक वन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष स्वरूप रमोला, वन बीट अधिकारी संघ उत्तराखंड के अध्यक्ष हर्षवर्धन गड़िया, महामंत्री कक्का कश्यप, संयुक्त मंत्री अतुल भगत के साथ ही प्रदेश व समस्त प्रभागीय अध्यक्ष व पदाधिकारी उपस्थित रहे।