लंपी वायरस ने बढ़ाई चिंता, पशुपालकों ने टीकाकरण और आवारा पशुओं से निजात की रखी मांग

एक सप्ताह में आवारा पशुओं की व्यवस्था नहीं होने पर करेंगे आंदोलन

अल्मोड़ा/द्वाराहाट: लंपी वायरस देश के कई राज्यों में कहर बरपा रहा है। राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में लाखों पशुओं की जान जा चुकी है। प्रदेश सरकारें वैक्सीन लगवाने की बात कर रही हैं, लेकिन यह वैक्सीन वायरस का असर कुछ हद तक ही काम करती हैं, जबकि ये पूरी तरह से प्रभावी नहीं हैं। पशु चिकित्सा विशेषज्ञों के मुताबिक, अभी तक लंपी वायरस का कोई एंटीडोज नहीं बना है। यह कब तक बन सकेगा, इस बारे में भी कुछ कहा सकता। विशेषज्ञों का सुझाव है कि एहतियात और जरूरी प्राथमिक ईलाज से बचाव संभव है। इसी बीमारी को मध्यनजर रखते हुए द्वाराहाट के दुग्ध समिति दुधोली में दुग्ध उत्पादकों की बैठक हुई, जिसमें पशुओं में हो रही लंपी वायरस जैसी महामारी का खतरा उत्तराखंड में भी बढ़ने और पशुओं की मौत पर चिंता व्यक्त की। जिस पर दुग्ध उत्पादकों द्वारा पशु चिकित्सा अधिकारी अल्मोड़ा एवं जिला अधिकारी अल्मोड़ा को ज्ञापन दिया है कि पशुओं की बीमारी का टीकाकरण किया जाए जिससे बीमारी फैलने में रोक लग सके। यहां पर केवल पशुपालन ही मात्र आजीविका का साधन है और पशुपालकों ने कहा कि द्वाराहाट नगर पंचायत में आवारा पशु छोड़े गए हैं उन पशुओं को गौ सदन भेजा जाए, आवारा पशुओं से बीमारी का खतरा बढ़ सकता है। समस्त पशुपालकों द्वारा कहा गया कि अगर 1 हफ्ते के अंतर्गत इन पशुओं की कोई व्यवस्था नहीं की गई तो हम सभी पशुपालक नगर पंचायत एवं पशु चिकित्सा केंद्र द्वाराहाट में आंदोलन करने के लिए बाध्य रहेंगे। बैठक में दुग्ध विकास संगठन अध्यक्ष आनंद सिंह बिष्ट, त्रिभुवन तिवारी, जीवन सिंह, तारा देवी, आशा देवी, भावना देवी, तुलसी देवी, मीना देवी, कमला देवी, गीता देवी एवं समस्त दुग्ध उत्पादक मौजूद थे

(रिपोर्ट: मनीष नेगी, द्वाराहाट)