बाल्यावस्था के दौरान व्यवहार में आने वाले परिवर्तनों से रूबरू हुए प्रशिक्षु

लर्निग विद फन विषय पर आयोजित हुई वर्कशॉप

अल्मोड़ा। सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के शिक्षा संकाय की ओर से गोद लिए गए खत्याड़ी गांव के राजकीय प्राथमिक विद्यालय में लर्निंग विद फन विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसके माध्यम से प्रशिक्षु शिक्षकों ने बाल्यावस्था में बच्चों के व्यवहार में आने वाले तौर तरीकों के बारे में विस्तृत जानकारी हासिल की।

कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए विभागाध्यक्ष प्रो० भीमा मनराल ने बताया कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य शिक्षक प्रशिक्षुओं को बाल्यावस्था के विद्यार्थियों के सीखने के व्यवहारों का अध्ययन, सीखने के नए तौर तरीके से परिचित कराना, शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को उपयोगी और रोचक बनाने के गुर सिखाना है। यह कार्यशाला सहायक प्राध्यापक डॉ नीलम कुमार के निर्देशन में आयोजित की गई। टेªनर के तौर पर डॉ देवेंद्र चम्याल और ललिता रावत रहीं। कार्यशाला में बीएड प्रशिक्षुओं ने विविध स्व निर्मित शिक्षण सहायक सामग्री, रोल प्लेइिंग, मॉडल, चार्ट सामग्रियों के माध्यम से शिक्षण पर पढ़ने वाले प्रभावों के बारे में बारिकी से जानकारी हासिल की। कार्यशाला संपादन में विद्यालय के प्रधानाध्यापक दीपाली पांडे, अध्यापिका भावना रौतेला ने भी अहम सहयोग दिया। इस मौके पर प्रेम सिंह, राजेश सिंह, मनीष चंद्रशेखर, ज्योति, साक्षी, प्रिया, समीक्षा, किरण, भारती आदि बीएड प्रशिक्षु मौजूद रहे।