लापरवाही बरतने वाले अफसरों को मिलेगी प्रतिकूल प्रविष्टि

– स्मार्ट मीटर से जुड़ी हर शंका का तत्काल होगा समाधान स्मार्ट मीटर लगा चुके उपभोक्ताओं के आते रहेंगे फिजिकल बिल

देहरादून(आरएनएस)।   उत्तराखंड में सरकारी, निजी प्रतिष्ठानों के साथ ही घरों में भी बिजली के स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू हो गया है। ऐसे में पेश आने वाले छोटी छोटी दिक्कतों के तत्काल समाधान के निर्देश एमडी यूपीसीएल ने अफसरों को दिए। निगरानी, समस्या के समाधान में लापरवाही, टालमटोल करने वाले अफसरों को प्रतिकूल प्रविष्टि देकर दंडित किया जाएगा।
रविवार के दिन यूपीसीएल मुख्यालय में समीक्षा बैठक करते हुए एमडी अनिल कुमार ने बताया कि प्रदेश में लगाए जा रहे स्मार्ट मीटरों के बिल डिस्ट्रीब्यूशन में उपभोगताओं की सुविधा के लिए फिलहाल कोई बदलाव नहीं किया गया है। पहले की ही तरह फिजिकल बिल दिए जाते रहेंगे। आरडीएसएस योजना के तहत प्राथमिकता पर सरकारी प्रतिष्ठानों, ऑफिस, भवनों में स्मार्ट मीटर लगाए जाने हैं। ऐसे में स्मार्ट मीटर लगाए जाने के काम में तेजी लाई जाए। बैठक में स्मार्ट मीटर लगाए जाने के 31 मार्च तक के लक्ष्य भी तय किए गए।
कहा कि सभी उपभोक्ताओं को बिल समय पर उपलब्ध कराए जाएं। जिन उपभोक्ताओं के घरों पर स्मार्ट मीटर लग चुके हैं, वहां पूर्व की ही तरह फिजिकल बिल अग्रिम आदेशों तक बांटे जाएंगे। जिन उपभोक्ताओं के मोबाइल नंबर और ईमेल उपलब्ध हैं, उन्हें फिजिकल बिल के साथ साथ एसएमएस, ईमेल के माध्यम से भी बिल उपलब्ध होते रहेंगे। ताकि राजस्व वसूली को गति मिलती रहे।

डिजिटल बिल को मंजूरी देने को विद्युत नियामक आयोग से ली जाएगी मंजूरी
स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके उपभोक्ताओं को डिजिटल बिल भेजे जाने को मंजूरी ऊर्जा निगम की ओर से विद्युत नियामक आयोग से ली जाएगी। इसके लिए एमडी यूपीसीएल ने अधिकारियों को आयोग के समक्ष याचिका दाखिल किए जाने के निर्देश दिए गए।
स्मार्ट मीटर का यह कदम न केवल वर्तमान चुनौतियों का समाधान करेगा, बल्कि भविष्य में ऊर्जा प्रबन्धन के तरीकों में भी सुधार लाएगा। यह पहल उपभोक्ताओं को बिजली उपयोग के प्रति जागरुक बनाएगी। उन्हें बेहतर सेवाएं प्रदान करने में मददगार साबित होगी। ऐसे में स्मार्ट मीटर से जुड़ी समस्याओं का भी सर्वोच्च प्राथमिकता पर समाधान होगा। लापरवाही बरतने वाले अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।   –  अनिल कुमार, एमडी यूपीसीएल