अल्मोड़ा। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रकाश रावत ने नगर में पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानून देश के किसानों के हित में उठाया गया बड़ा कदम है। इसके बावजूद कुछ राजनीतिक दल किसान आन्दोलन के नाम पर किसानों को बरगला कर अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने का काम कर रहे हैं लेकिन किसान धीरे-धीरे समझने लगा है। दिल्ली में किसान आन्दोलन के माध्यम से कुछ राजनीतिक दल किसानों को भ्रमित करने में लगे हुए हैं। यह कानून किसानों की आय दोगुना करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है किसान देश की रीढ़ है, और देश की अर्थव्यवस्था किसानों पर ही निर्भर है, एम०एस०पी० पहले की तरह लागू रहेगा, ठेका सिर्फ फसल का होगा न कि भूमि का और किसान चाहे तो इसे लेकर न केवल एस०डी०एम० कोर्ट बल्कि सिविल कोर्ट में भी वाद दायर कर सकेगा। कृषि कानून का विरोध सिर्फ विरोध करने के लिए किया जा रहा है, आन्दोलन को देख साफ लगता है कि कुछ बाहरी ताकतें किसानों को बरगलाने का काम कर रहे है जिसे नुकसान किसानों को होगा।
उन्होंने कहा वर्ष 2013-14 कृषि बजट की तुलना में 2020-21 कृषि बजट में 6 गुना वृद्धि हुई है, यह एक ऐतिहासिक कार्य है कि 6 साल में 6 गुना वृद्धि हुई है भारत सरकार ने 2020 में 1 लाख 34 हजार 399 करोड़ रूपये का बजट का प्रावधान किया है, 2015-16 में 252 मीट्रिक टन अनाज का 2019-20 में यह 297 मीट्रिक टन अनाज का संग्रहण किया। प्रधानमंत्री किसान योजना के द्वारा 10 करोड़ 60 लाख किसानों को इस योजना से लाभ मिला है, इस योजना से अब तक भारत सरकार ने 95900 करोड़ रूपये खर्च किए हैं, केन्द्र सरकार ने अलग से किसानों के लिए 1 लाख करोड़ की व्यवस्था की है।
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत व उनकी सरकार निरन्तर किसानों के सशक्तिकरण का कार्य कर रही है, जिससे की आर्गेनिक राज्य, अत्याधुनिक कृषि उपकरण वितरण व किसानों को जीरो प्रतिशत ब्याज पर ऋण उपलब्ध करा रही है. विपक्षी दल किसान आन्दोलन का उपयोग कर रही है, जो बहुत निन्दनीय है। प्रेस वार्ता में जिलाध्यक्ष रवि रौतेला, मीडिया प्रभारी शैलेन्द्र साह, प्रदेश मंत्री किरन पंत, पूनम पालीवाल, विनीत बिष्ट, अशोक जलाल मौजूद थे।