केंद्र सरकार के खिलाफ बैंक कर्मियों ने किया प्रदर्शन

कोटद्वार। यूएफबीयू के केन्द्रीय नेतृत्व के आह्वान पर समस्त बैंक अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। कहा कि प्रदर्शन समीक्षा और पीएलआई पर हाल में जारी डीएफएस के उन निर्देशों को तत्काल वापस लिया जाय जो कि नौकरी को खतरे में डालते हैं और कर्मचारियों व अधिकारियों के बीच भेदभाव पैदा करते हैं। शुक्रवार देर शाम को विभिन्न बैंकों के कर्मचारी एवं अधिकारी बदरीनाथ मार्ग स्थित पीएनबी के सामने एकत्रित हुए। इस दौरान कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कहा कि सरकार जानबूझकर कर्मचारियों की मांगों की अनदेखी कर रही है। कहा कि कर्मियों की प्रमुख मांगे कई सालों से लंबित है। कर्मचारियों ने पांच दिवसीय कार्य सप्ताह करने, एनपीएस की जगह पुरानी पेंशन योजना लागू करने, बैंकों में कर्मचारियों एवं अधिकारियों की पर्याप्त संख्या में नियुक्ति करने, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती पर लगाई गई रोक को हटाने, पेंसनरों की पेंशन रिवाइज करने, बैंकों में ठेका प्रथा बंद करने, 12वें द्विपक्षीय समझौते में लंबित अन्य मांगों का निस्तारण शीघ्र करने, स्टाफ कल्याण लाभों पर आयकर न वसूलने की मांग की। इस मौके पर बीरेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि मांगों को लेकर तीन मार्च को संसद के समक्ष धरना प्रदर्शन किया जायेगा। 24 और 25 मार्च को दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल की जायेगी। प्रदर्शन करने वालों में यूएफबीयू के जिला संयोजक डीपीएस बिष्ट, चन्द्र प्रकाश उनियाल, रमेश नेगी, तपस्या धस्माना, शालिनी खर्कवाल, राहुल नेगी, डीपी भट्ट, अनूप रावत, सविता कोटनाला, भारत सिंह रावत, मदन मोहन सिंह आदि शामिल थे।