अल्मोड़ा। विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा द्वारा निदेशक डॉ. लक्ष्मीकांत के नेतृत्व में चलाए जा रहे ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के अंतर्गत अल्मोड़ा और चमोली जिलों में किसानों को उन्नत खेती की दिशा में प्रशिक्षित किया जा रहा है। अभियान के नवें दिन वैज्ञानिकों की तीन टीमों ने विकासखंड हवालबाग, ताड़ीखेत और भिकियासैंण के 21 गांवों का दौरा कर 421 किसानों से सीधा संवाद किया। इस दौरान खरीफ फसलों जैसे मिर्च, मंडुवा, कुल्थ, अदरक और हल्दी की उन्नत खेती से संबंधित तकनीकी पहलुओं की जानकारी दी गई। इसके अलावा कुरमुला रोग की रोकथाम पर भी किसानों को प्रशिक्षित किया गया। डॉ. महेंद्र भिंडा ने पंक्तिबद्ध बुवाई की विधि को बेहतर बताते हुए इसके लाभों को रेखांकित किया। पाली गांव के किसानों ने जल संकट, सफेद गुबरैला, बंदर और जंगली सूअरों से फसलों को होने वाले नुकसान की समस्याएं वैज्ञानिकों के समक्ष रखीं और प्रभावी बाड़बंदी की मांग की। जोग्याड़ी गांव की महिला किसान लीला देवी ने विपणन से जुड़ी समस्याओं पर प्रकाश डालते हुए उनके गांव में इसके समाधान की अपील की। उन्होंने मिर्च में लगने वाले कीड़ों को लेकर भी चिंता जताई, जिस पर डॉ. कृष्ण कांत मिश्रा ने पॉलीहाउस में सफेद मक्खी और मिर्च में कटवर्म से बचाव के उपाय बताए। किसानों ने अभियान की सराहना करते हुए कहा कि यदि उन्हें समय पर उन्नत बीज, नवीनतम खेती तकनीक और मार्गदर्शन मिले, तो वे अपनी आजीविका को अधिक सशक्त बना सकते हैं। अभियान के दौरान कृषकों ने कहा कि यदि उन्हें अच्छे बीजों की उपलब्धता, उन्नत खेती तकनीकों की जानकारी तथा समुचित मार्गदर्शन सही समय पर प्राप्त हो, तो उनकी आजीविका सशक्त होगी।