कार्यशाला में शोध पत्रों के प्रस्तुतीकरण और लेखन की प्रविधि बताई

अल्मोड़ा। सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के उच्च अध्ययन शिक्षा संस्थान एवं शिक्षा संकाय के संयुक्त तत्वावधान में शोध प्रपत्र लेखन विषय पर एक दिवसीय ऑनलाइन वर्कशाॅप का आयोजिन किया गया। जिसका शुभारंभ शिक्षा संकाय की विभागाध्यक्ष एवं संकायाध्यक्ष प्रो वीआर ढ़ौडियाल ने किया।
वर्कशाॅप को संबोधित करते हुए पहले व्याख्याता कुमाऊॅ विवि के यूजीसी एचआरडीसी के सहायक निदेशक डॉ रितेश साह ने सर्वप्रथम शोध के प्रकारों, अवधारणा एवं तकनीक के बारे में जानकारी दी। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में शोध कर रहे शोधकर्ताओं से शोध प्रपत्र के घटकों, शोध प्रारूप प्रक्रिया से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि शोधकर्ता को तमाम तरह की समस्याओं के बीच एक परियोजना का चुनाव करना होता है और चरणबद्ध तरीके से शोध के सोपानों का अनुसरण करते हुए शोध प्रविधि लिखी जाती है। उन्होंने उत्कृष्ट शोध प्रस्तावना, समस्या की उत्पत्ति, अंत शास्त्रीय प्रासंगिता, शोध समीक्षा, अध्ययन की उपयोगिता, अध्ययन उद्देश्य, प्रविधि, समयावधि और बजट के बारे में जानकारी दी। वहीं, कार्यशाला के दूसरे संदर्भदाता के तौर पर केंद्रीय विवि बिहार के सहायक प्राध्यापक डॉ रविंद्र कुमार ने रिसर्च फंडिंग एजेंसी इन इंडिया के विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि शोध के दौरान शोधकर्ता को छात्रवृत्ति क्यों दी जाती है। उन्होंने शोध की गुणवत्ता के लिए विश्वनीयता एवं वैधता के साथ शोध काॅपीराइटिंग के बारे में भी जानकारी दी। साथ ही उच्च शिक्षा के नियामक संस्थाओं जैसे यूजीसी, आईसीएसएसआर, एनसीईआरटी, पीएमएमएमएमएनटीटी, ग्रामीण शिक्षण संस्थानों, प्रमुख संस्थानों की साइट्स के बारे में भी शोधार्थियों को ज्ञानपरक जानकारी प्रदान की। कार्यशाला का संचालन समन्वय व एसएसजे विवि की शिक्षा संकाय सहायक प्राध्यापक संगीता पंवार ने किया। इस मौके पर प्रो भीमा मनराल, हिमाशु शर्मा, गोविंद सुयाल, गौहर फातिमा, मंजरी तिवारी आदि मौजूद रहे।