देहरादून(आरएनएस)। कांग्रेस ने केंद्रीय आयुष मंत्रालय की आईएमपीसीएल मोहान अल्मोड़ा सरकारी संस्थान के निजीकरण का आरोप लगाया। गुरुवार को कांग्रेस भवन में अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि मुनाफे में रहने वाले मोहान के संस्थान आईएमपीसीएल में प्राचीन शास्त्रीय विधि से आयुर्वेदिक यूनानी औषधि निर्माण का काम होता है। अब इस संस्थान को केंद्र सरकार अपने पूंजीपति मित्रों को बेचने की कोशिश में लगी हुई है। कहा कि आईएमपीसीएल को रणनीतिक निवेश के तहत सूचीबद्ध किया गया है। इसकी परिसंपत्तियों का मूल्यांकन चल रहा है। जबकि यह कंपनी लगातार मुनाफे में चल रही है। हजारों कर्मचारियों के परिवार इस संस्थान से पल रहे हैं। इसके बावजूद कंपनी को बेचने का षड्यंत्र चल रहा है।
माहरा ने कहा कि आईएमपीसीएल के वर्तमान मैनेजमेंट ने निजीकरण प्रक्रिया आगे बढ़ाने को कुछ राजनीतिक रसूख रखने वाले लोगों और अन्य निजी संस्थाओं के साथ साठगांठ की है। इस संस्थान के निजीकरण प्रक्रिया में कुछ ऐसे लोगों की ओर से बोली लगाने की बात सामने आई है, जो कंपनियों के निदेशक के रूप में काम कर रहे हैं। इस अवसर पर मुख्य प्रवक्ता गरिमा दसोनी, प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट, प्रदेश महामंत्री नवीन जोशी, मीडिया सलाहकार अमरजीत सिंह, राजकुमार जायसवाल मौजूद रहे ।
कर्मचारियों का विरोध दरकिनार
माहरा ने कहा कि आईएमपीसीएल कर्मचारी संघ लगातार इसका विरोध कर रहा है। इस विरोध को लगातार नजरअंदाज कर कंपनी के निजीकरण की प्रक्रिया चल रही है। सरकार तत्काल निजीकरण प्रक्रिया पर रोक लगाए। उन्होंने निजीकरण में शामिल सेल कंपनियों और उनसे जुड़े लोगों की भूमिका का खुलासा न करने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।