जौनसार-बावर के ग्रामीणों को तीन साल से नहीं मिली माफी की लकड़ी

विकासनगर(आरएनएस)।  जौनसार-बावर के ग्रामीणों को हक-हकूक के रूप में मिलने वाले माफी वृक्षों की लकड़ी पिछले तीन साल से नहीं मिल पा रही है। जिससे स्थानीय ग्रामीणों में आक्रोश है। माफी पेड़ों के छपान कार्य में हो रही देरी से नाराज स्थानीय लोग 19 मार्च को चकराता भ्रमण पर आ रहे वन मंत्री सुबोध उनियाल के सामने यह मामला उठाएंगे। जनजातीय क्षेत्र जौनसार बावर में स्थानीय ग्रामीणों को सदियों से हक-हकूक के तहत अपने घर-मकान बनाने के लिए वन विभाग से प्रतिवर्ष माफी की लकड़ी मिलती है। ब्रिटिश कालीन दौर से ग्रामीणों के जंगलों पर अधिकार एवं हित निहित हैं जो व्यवस्था निरंतर चली आ रही है। पन्नालाल सेटलमेंट व्यवस्था के तहत स्थानीय लोगों को जंगल से देवदार, कैल, चीड़, रई, मुरुंडा व अन्य प्रजाति के सूखे एवं जड़पट माफी वृक्षों का छपान कार्य मार्च से पहले किया जाता है। वन विभाग ने पिछले तीन साल से माफी पेड़ों का छपान नहीं किया, जिससे स्थानीय लोगों के हित एवं अधिकार प्रभावित हो रहे हैं। पूर्व प्रधान रणवीर सिंह चौहान, प्रधान संगठन के अध्यक्ष दलीप तोमर, महासचिव हरीश राजगुरु, स्याणा बाबी चौहान, निवर्तमान क्षेत्र पंचायत सदस्य विक्रम सिंह पंवार, स्याणा मोहनलाल सेमवाल, स्याणा संतराम चौहान, स्याणा जयंद्र चौहान आदि ने कहा वन विभाग की ओर से जारी एसओपी में नई शर्तें लागू करने से स्थानीय लोगों के परंपरागत अधिकार पर कुठाराघात किया जा रहा है। वन विभाग के गठन से पूर्व पहाड़ के दुर्गम इलाकों में बसे उनके पूर्वजों ने कई पीढ़ियों से जंगलों को संरक्षित किया है। इसीलिए ग्रामीणों को पन्नालाल सेटलमेंट व्यवस्था के तहत जंगलों में हक-हकूक के तौर पर माफी की लकड़ी मिलती है। बताया कि चकराता वन प्रभाग से जुड़े सभी छह रेंजो में वर्ष 2022-23 से लेकर अब तक तीन वर्ष से ग्रामीणों को माफी की लकड़ी नहीं मिल पाई। माफी पेड़ों का छपान कार्य नहीं होने से लोगों को घर मकान बनाने में बड़ी समस्या आ रही है। वन विभाग की मनमानी से नाराज स्थानीय लोग 19 मार्च को चकराता के चिरमिरी टाप में आयोजित होने वाले वन पंचायत के सम्मेलन में भ्रमण पर आ रहे वन मंत्री सुबोध उनियाल और जिलाधिकारी सविन बंसल के सामने मामले को उठाने की बात कही है। वहीं, डीएफओ चकराता अभिमन्यु ने कहा सभी 39 खतों से माफी लकड़ी के प्रस्ताव मुख्यालय को प्राप्त हुए हैं जिसका परीक्षण किया जा रहा है। परीक्षण के उपरांत अनुमोदन की कार्रवाई अंतिम चरण में है। इसी हफ्ते माफी वृक्षों का छपान कार्य शुरू कर दिया जाएगा।