चंडीगढ़ (आरएनएस)। तीन निर्दलीय विधायकों के कांग्रेस के पाले में जाने से अल्पमत में आई हरियाणा की भाजपा सरकार एक बार फिर बहुमत साबित करने की तैयारी में है। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ऐसे संकेत दिए हैं कि भाजपा सरकार लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा का विशेष सत्र बुला सकती है और फ्लोर पर बहुमत साबित करने को तैयार है। हरियाणा कैबिनेट की मीटिंग 15 मई को बुलाई गई है। ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि उस बैठक में हरियाणा विधानसभा के विशेष सत्र को बुलाने के बारे में प्रदेश के राज्यपाल से सिफारिश को लेकर चर्चा की जाएगी। वहीं, राज्यपाल ने कांग्रेस से अपने सभी 30 विधायकों के हस्ताक्षरों वाला पत्र देने को कहा है। हालांकि, कांग्रेस ने राजभवन से अभी इस तरह के निर्देश जारी होने की पुष्टि नहीं की है।
पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने दावा किया कि हरियाणा विधानसभा में फ्लोर टेस्ट हो सकता है। उन्होंने कहा कि जन नायक जनता पार्टी को इस मसले को नहीं उठाना चाहिए था। अब वो खुद फंस गए हैं क्योंकि जजपा के 6 विधायक हमारे संपर्क में हैं। मनोहर लाल ने इस बात का दावा किया कि कांग्रेस के 30 में से चार या पांच विधायक कांग्रेस का साथ छोड़ सकते हैं। मनोहर लाल ने कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा की ओर से राज्यपाल को दिया गया पत्र कोई अधिकृत पत्र नहीं है। उस पर हुड्डा के कार्यालय सचिव के हस्ताक्षर हैं, जिनकी कोई अहमियत नहीं है। वैसे भी राज्यपाल ने कांग्रेस से कह दिया है कि वह अपने 30 विधायकों के हस्ताक्षर करवाने के बाद राजभवन में पत्र दें। तब हम फैसला करेंगे कि क्या करना है। कांग्रेस कभी एकजुट नहीं हो सकती। बेशक हुड्डा अपने साथ 30 विधायक होने का दावा करते रहें, लेकिन उनके साथ सभी विधायक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कई विधायक हमारे संपर्क में हैं।
सरकार बहुमत खो चुकी: भूपेंद्र सिंह हुड्डा
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस ने राज्यपाल को सौंप दिया है। इसमें जल्द ही सत्र बुलाने की मांग की गई है ताकि सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सके। हुड्डा ने ये भी कहा कि सरकार बहुमत खो चुकी है। जजपा की ओर से भी व्हिप जारी किया जाएगा। इससे इस बात का पता चल जाएगा कि कौन विधायक कहां पर है।
ये सिर्फ मनोहर लाल का ढकोसला: अजय चौटाला
वहीं, जननायक जनता पार्टी सुप्रीमो अजय चौटाला ने रविवार को पूर्व सीएम मनोहर लाल के बयान का पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि मनोहर लाल खुद को सीएम मानकर सोते हैं जबकि वे सिर्फ साधारण वोटर ही हैं। उन्होंने ये कहा कि जजपा के कौन से 6 विधायक हैं, जो मनोहर लाल दावा करते हैं। ये उनका सिर्फ ढकोसला है। प्रदेश सरकार इस समय अल्पमत में है। इसलिए मुख्यमंत्री को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए।