देहरादून(आरएनएस)। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेश में आवारा पशुओं का मुद्दा उठाते हुए सरकार से इसका हल निकालने के तरीके ढूंढने का आग्रह किया है। पूर्व सीएम रावत ने कहा कि चौखुटिया में महिलाओं ने आवारा पशुओं के आतंक के खिलाफ नगर पंचायत के कार्यालय में धरना दिया। उन्होंने कहा कि यह अकेले चौखुटिया की नहीं, पूरे उत्तराखंड के ग्रामीण अंचलों की समस्या है। जगह-जगह आवारा गाय, बैल आतंक का पर्याय बन गए हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि वह बड़ी दुर्दशा झेलते हैं, सड़क में कोई भी वाहन उनको टक्कर मार जाता है। लंगड़ाती हुई गायें, कोई महीनेभर में, कोई दो महीने में सड़क के किनारे वैसे ही प्राण त्याग देती हैं।उन्होंने कहा कि पहले तो उनको खाने वाले गिद्ध थे, जो अब दिखाई नहीं देते। उन्होंने कहा कि आवारा पशुओं के विचरण से गांवों में लोगों की खेती अलग से चौपट हो रही है और गंदगी से पर्यावरण अलग प्रदूषित हो रहा है। गौसदन बस नाममात्र के हैं, वह समस्या का समाधान नहीं बन पा रहे हैं। यदि हम वास्तविक अर्थों में मूल्यांकन करें तो जंगली पशुओं से ज्यादा नुकसान अब आवारा पशुओं से होने लग गया है। उन्होंने कहा कि जब तक इस समस्या का समाधान नहीं होता, यह लोगों को और गो माता को कष्ट देता रहेगा। उन्होंने कहा कि सरकार इस समस्या का कोई स्थाई समाधान निकाले।