अल्मोड़ा। मानव–वन्यजीव संघर्ष की बढ़ती घटनाओं को लेकर जिलाधिकारी अंशुल सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में वन विभाग सहित संबंधित विभागों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि ग्रामीण महिलाओं को चारे के लिए जंगलों में जाने की मजबूरी न हो, इसके लिए सभी क्षेत्रों में निशुल्क चारा उपलब्ध कराने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। जिलाधिकारी ने ग्रामीण क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ाने के लिए व्यापक जागरूकता अभियान चलाने और गांवों के आसपास उगी झाड़ियों का नियमित कटान कराने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि झाड़ियों के कटान से वन्यजीवों की आवाजाही पर नियंत्रण किया जा सकेगा और मानव–वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं में कमी आएगी। बैठक के दौरान प्रशासन गांव की ओर अभियान के तहत न्याय पंचायतों में आयोजित हो रहे शिविरों में विभागीय अधिकारियों की अनुपस्थिति की शिकायतों पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराज़गी जताई। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस लापरवाही के लिए जिम्मेदारी तय की जाएगी और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिए कि एक दिन में आयोजित होने वाले शिविरों की संख्या सीमित की जाए, क्योंकि कई विकासखंडों में एक ही दिन अनेक शिविर होने से अधिकारियों की उपस्थिति प्रभावित हो रही है। इस व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए नया रोस्टर जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। शिविरों में अधिकारियों की उपस्थिति की प्रभावी निगरानी के लिए विभागवार नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। इसके साथ ही निगरानी व्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से एक कंट्रोल रूम स्थापित करने के भी निर्देश दिए गए। बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी दीपक सिंह, मुख्य विकास अधिकारी रामजीशरण शर्मा, अपर जिलाधिकारी युक्ता मिश्र सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।