देहरादून(आरएनएस)। गोल्डन कार्ड की विसंगतियों और कर्मचारी पेंशनर्स को निशुल्क इलाज न मिलने पर राज्य निगम कर्मचारी अधिकारी महासंघ ने सवाल उठाए। महासंघ ने नियमित रूप से अंशदान की कटौती होने के बावजूद इलाज न मिलने पर राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण समेत शासन की व्यवस्था के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जल्द स्थिति न सुधरने पर महासंघ ने आंदोलन की चेतावनी दी। राज्य निगम कर्मचारी अधिकारी महासंघ अध्यक्ष दिनेश पंत ने बयान जारी कर कहा कि प्राइवेट अस्पतालों में गोल्डन कार्ड से निशुल्क इलाज मिलने की सुविधा बंद हो गई है। राज्य कर्मियों के साथ ही निगम, निकाय, विश्वविद्यालय के कर्मचारियों, पेंशनर्स से नियमित अंशदान लिया जा रहा है। इस अंशदान की एवज में निशुल्क इलाज की सुविधा मिलनी है। कर्मचारी इलाज के साथ ही ओपीडी और जांच की सुविधा भी निशुल्क मांग रहे हैं। अब इलाज पर ही संकट खड़ा हो गया है। संरक्षक बीएस रावत ने कहा कि निजी अस्पतालों ने करोड़ों की देनदारी का हवाला देते हुए इलाज की सुविधा देने से साफ इंकार कर दिया है। इसे लेकर कर्मचारियों, पेंशनर्स में आक्रोश व्याप्त है। उन्होंने इस स्थिति को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। कहा कि प्राधिकरण ने पेंशनर्स से आजीवन अंशदान एक साथ जमा करवा दिया है। इसके बाद भी इलाज की सुविधा न देना गलत है। संरक्षक दिनेश गोसाईं ने कहा कि राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की पटरी से उतर चुकी व्यवस्था को लेकर कर्मचारी चिंतित हैं। जल्द इस समस्या का समाधान न हुआ तो आंदोलन तय है। महासचिव श्याम सिंह नेगी ने कहा कि सरकार, प्राधिकरण जल्द से जल्द निजी अस्पतालों में निशुल्क इलाज सुनिश्चित कराए। ऐसा न होने पर राज्य में एक बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा।