अल्मोड़ा। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के विज्ञान और विरासत अनुसंधान पहल विभाग द्वारा गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान, कोसी-कटारमल, अल्मोड़ा में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। संस्थान के निदेशक प्रोफेसर सुनील नौटियाल ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय का इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के लिए संस्थान को अवसर देने पर आभार व्यक्त किया। उन्होंने हिमालयी राज्यों में श्री अन्न के क्षेत्र में शोध की अपार संभावनाओं के विषय में मंत्रालय की टीम को जानकारी प्रदान की। इस बैठक में भारत सरकार के श्री अन्न कार्यक्रम के अंतर्गत देश के विभिन्न संस्थानों से प्राप्त 37 कृषि संबन्धित प्रस्तावों का कमेटी के मुख्य अध्यक्ष डॉ. पवन अग्रवाल, सहायक महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, डॉ. शरद श्रीवास्तव, वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक, सीएसआईआर-एनबीआरआई, प्रोफेसर मीता कोटेचा, प्रो वाइस चांसलर, राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, डॉ. महेश गुप्ता, प्रधान वैज्ञानिक, सीएसआईआर-आईएचबीटी, डॉ. आदर्श कुमार, प्रधान वैज्ञानिक, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, डॉ. देबाबंदया मोहापात्रा, प्रधान वैज्ञानिक, आईसीएआर- सीआईएई, डॉ. के. पी. सुधीर, प्रमुख, केरल कृषि विश्वविद्यालय, डॉ. जीतेन्द्र कुमार, सहायक महानिदेशक, राष्ट्रीय कृषि विज्ञान कोष, डॉ. रश्मी शर्मा, वैज्ञानिक, श्री सेल-विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग एवं डॉ. पंकज सिंह चौहान, वैज्ञानिक, श्री सेल-विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा मूल्यांकन किया गया। कमेटी ने वैज्ञानिकों को देश के विभिन्न कृषि क्षेत्रों जैसे शाकाहारी, उत्पादन और कटाई के बाद, श्री अन्न प्रसंस्करण, सिद्ध, खाद उप-उत्पाद, डेयरी और मिठाई, किण्वित पेय पदार्थ, एवं बायो फोर्टिफिकेशन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम में वरिष्ठ वैज्ञानिक इं. किरीट कुमार, डॉ. जे. सी. कुनियाल, डॉ. आई डी भट्ट, डॉ. कपिल केसरवानी, सजीश कुमार, ओम प्रकाश आर्या सहित देश के विभिन्न संस्थाओं से आए 38 वैज्ञानिकों ने प्रतिभाग किया।