रुद्रप्रयाग(आरएनएस)। गौरीकुंड में स्थित मां गौरा माई के कपाट वैदिक मंत्रोच्चार और पौराणिक रीति रिवाजों के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए है। गौरामाई की अब शीतकाल पूजा अर्चना गौरी गांव स्थित चंडिका मंदिर में होगी। इस मौके पर करीब दो सौ से अधिक भक्तों ने गौरा माई के दर्शन किए। रविवार को सुबह 5 बजे पुजारी ने गौरीकुंड मंदिर में मां गौरा की विशेष पूजा अर्चना कर भोग लगाया गया। जिसके बाद कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू हुई। वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ मां गौरा की भोगमूर्ति को डोली में स्थापित कर श्रृंगार किया गया। ठीक 8.15 बजे वैदिक मंत्रोच्चारण एवं पौराणिक रीति रिवाज के साथ मुख्य पुजारी, वेदपाठी, मंदिर समिति की मौजूदगी में गौरा माई के कपाट शीतकाल के लिए बंद किए गए। मां की डोली ने मंदिर की एक परिक्रमा करने के बाद गौरी गांव के लिए रवाना हुई। इस दौरान भक्तों एवं क्षेत्रीय ग्रामीणों के जयकारों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। मां गौरामाई के गौरी गांव पहुंचते ही ग्रामीणों ने फूल मालाओं एवं अक्षतों से जोरदार स्वागत किया।