गन्ने की खरीद धीमी होने से किसान परेशान

रुड़की(आरएनएस)।   किसान गन्ने की धीमी खरीद से परेशान हैं। इकबालपुर के गन्ना तौल केंद्र लक्सर मिल के पास आने के बाद उन्हें पर्चियां नहीं मिल रही हैं। लिहाजा वे गेहूं बोने के लिए खेत खाली नहीं कर पा रहे हैं। इससे क्षेत्र में गेहूं का रकबा घटने की उम्मीद है। अभी रबी की फसल खासकर गेहूं बुआई का समय है। 30 नवंबर तक अगेती बुआई के बाद अब 20-25 दिसंबर तक पछेती गेहूं बोया जा सकता है। इसे बोने के लिए किसानों को मुंढा (पेड़ी) गन्ना काटकर खेत खाली करना होता है। पर उन्हें गन्ना चीनी मिल में भेजने के लिए पर्ची कम मिल रही है। किसान महक सिंह, शिव कुमार सिंघल ने बताया कि इकबालपुर चीनी मिल में भुगतान की समस्या है। जबकि लक्सर मिल का भुगतान प्रदेश में सबसे अच्छा है। इसलिए इकबालपुर के किसान भी लक्सर को ही गन्ना देना चाहते हैं। उनकी मांग पर इकबालपुर के कुछ केंद्र विभाग ने लक्सर मिल को दे दिए हैं। इससे यहां के किसानों की पर्चियां कम हो गई हैं। सुरेश शर्मा, बलकार सिंह, गोरख सिंह ने बताया कि पहले गन्ना समिति में रोज खरीद का एक कॉलम पूरा हो जाता था, लेकिन अब एक कॉलम 4-5 दिन चलता है। इससे किसान गन्ना काटकर खेत खाली नहीं कर पा रहे हैं। बताया कि इससे गेहूं की बुवाई का रकबा 20 से 30 प्रतिशत तक घट सकता है। लक्सर गन्ना समिति के प्रभारी सचिव सूरजभान सिंह ने कहा कि इकबालपुर चीनी मिल के 15 क्रय केंद्र लक्सर को मिले हैं। लेकिन लक्सर मिल ने अपनी पेराई क्षमता 80 हजार से बढ़ाकर 1.05 लाख कुंतल प्रतिदिन तक कर दी है। इसलिए लोकल खरीद ज्यादा कम नही हुई है। अभी हमे मिल से रोज गेट पर करीब 30 हजार व सेंटरों पर 25 हजार कुंतल गन्ना खरीद की मांग आ रही है।