फोर गो पॉलिसी में बनेंगे सख्त नियम, प्रमोशन छोड़ा तो फिर खोनी पड़ेगी वरिष्ठता

देहरादून(आरएनएस)।  सरकार ने फोर गो पॉलिसी को सख्त कर दिया है। अब किसी कर्मचारी और अफसर ने यदि अपना पहला प्रमोशन छोड़ा तो फिर इस दशा में उन्हें वरिष्ठता खोनी पड़ेगी। वे भविष्य में वरिष्ठता का दावा भी नहीं कर सकेंगे। दुर्गम क्षेत्रों में प्रमोशन होने पर कर्मचारी और अफसर अक्सर आनाकानी करते हैं। कई तो नई तैनाती स्थलों पर ज्वाइन नहीं करते और कई प्रमोशन छोड़ने तक का आवेदन कर लेते हैं। कुछ समय बाद ऐसे कर्मचारी सुगम क्षेत्रों में पद रिक्त होने पर प्रमोशन का दावा करने लगते हैं।  मौजूदा पॉलिसी के तहत प्रमोशन छोड़ने वाले कर्मचारियों को एक मौका देने का प्रावधान था, जिसे अब सरकार ने खत्म कर दिया है। अब यदि किसी कर्मचारी ने अपना पहला प्रमोशन छोड़ा तो उससे निचले क्रम के कर्मचारी को प्रमोशन का मौका दिया जाएगा। वरिष्ठ कर्मचारी के प्रमोशन न लेने पर उसे अपने संवर्ग में संबंधित बैच में सबसे निचले पायदान पर स्वाभाविक तौर पर आ जाएगा।
प्रमोशन छोड़ने वाले कर्मचारी और अफसर भविष्य में अपने जूनियर कर्मचारी का प्रमोशन होने पर उसके समान वेतन का दावा भी नहीं कर सकेगा। वरिष्ठ कर्मचारी के प्रमोशन छोड़ने पर संबंधित संवर्ग में प्रमोशन की चेन गड़बड़ा जाती है। ऐसे में लंबे समय तक प्रमोशन की प्रक्रिया बाधित रहने के साथ ही अन्य कर्मचारियों को भी समय पर प्रमोशन नहीं मिल पाते हैं। ऐसे में सरकार ने संशोधन नियमावली में यह सख्त प्रावधान किया है।

पांच लाख रुपये से ज्यादा जमा नहीं होंगे जीपीएफ में
राज्य सरकार के कर्मचारी और अफसर अब सालभर में पांच लाख से ज्यादा रुपये जीपीएफ में जमा नहीं करा सकेंगे। कैबिनेट ने उत्तराखंड सामान्य भविष्य निधि नियमावली 2006 में यह संशोधन किया है। दरअसल, पिछले दिनों केंद्र सरकार ने यह प्रावधान किया था। इसके बाद राज्य सरकार ने इसे लागू कर दिया है। काफी कर्मचारी और अफसर टैक्स से बचने और अधिक ब्याज के लिए वेतन की बड़ी रकम जीपीएफ में भी जमा कराते थे, लेकिन अब सरकार ने इसकी सीमा निर्धारित कर दी है।