डा. दलीप सिंह बोरा की कुमाउनी पुस्तकों ‘कणक’ और ‘मेरी थात’ का लोकार्पण

अल्मोड़ा। छंजर सभा के तत्वावधान में नगर निगम सभागार, अल्मोड़ा में डा. दलीप सिंह बोरा द्वारा रचित दो कुमाउनी कृतियों कविता संग्रह ‘कणक’ और कहानी संग्रह ‘मेरी थात’ का लोकार्पण समारोह आयोजित किया गया। डा. बोरा अल्मोड़ा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लि. में सहायक महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता नवीन बिष्ट ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. देव सिंह पोखरिया उपस्थित रहे, जिन्होंने दोनों पुस्तकों की भूमिका भी लिखी है। प्रो. पोखरिया ने अपने संबोधन में कहा कि कुमाउनी कविता की लिखित परंपरा गुमानी पंत से प्रारंभ होती है, जिसे आगे सुमित्रानंदन पंत, शेर्दा, गिर्दा जैसे रचनाकारों ने समृद्ध किया। उन्होंने कहा कि ‘कणक’ के माध्यम से डा. बोरा ने देश, काल और समसामयिक परिस्थितियों को छोटे किंतु प्रभावशाली कथ्य में प्रस्तुत किया है। वहीं ‘मेरी थात’ में लेखक ने पर्वतीय जनजीवन, समाज और संस्कृति का गहन चित्रण किया है। कहानियों में क्षेत्रीयता के साथ-साथ सार्वभौमिकता की झलक भी मिलती है। अध्यक्षीय संबोधन में नवीन बिष्ट ने लेखक के साहित्यिक प्रयासों की सराहना करते हुए कुमाउनी भाषा और साहित्य में दिए जा रहे योगदान को प्रेरणादायक बताया। कार्यक्रम का संचालन नीरज पंत ने कुशलता से किया। समारोह में प्रसिद्ध लोकगायक दीवान कनवाल ने लोकगीत प्रस्तुत कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। लेखक डा. दलीप सिंह बोरा ने मंच से सभी विद्वतजनों, अतिथियों और छंजर सभा का आभार व्यक्त किया। सभा के संयोजक डा. रमेश लोहुमी ने भी सभी आगंतुकों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर त्रिभुवन गिरी महाराज, प्रकाशक मनीष अग्रवाल, सीए विनायक अग्रवाल, दिग्विजय सिंह बिष्ट, डा. महेन्द्र सिंह मेहरा ‘मधु’, प्रो. केसी जोशी, रघुबीर सिंह बनौला, राजन सिंह गैलाकोटी समेत अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।