रुड़की। गंगनहर कोतवाली इंस्पेक्टर ऐश्वर्य पाल ने बताया कि 09 अक्तूबर को समीर को नदीम ने पिस्टल के साथ पुहाना बुलाया था। कब्रिस्तान में जब दोनों मिले तो गलती से पिस्टल से फायर हो गया और नदीम की जांघ पर गोली लग गयी। अस्पताल में इलाज कराने पर पुलिस केस होता देख दोनों ने झूठी कहानी बनाते हुए नदीम के भाई को गुमराह कर विपक्षी मोबीन पर जानलेवा फायर करने का झूठा मुकदमा दर्ज करवा दिया। गुरुवार को कोतवाली गंगनहर पुलिस ने चेकिंग के दौरान सावेज और समीर को देसी तमंचा, एक जिंदा कारतूस व पिस्टल के साथ गिरफ्तार किया है। पूछताछ के दौरान पेशे से नाई समीर ने बताया कि उसका और उसके रिश्तेदार नदीम का रामपुर गांव के लड़कों से काफी समय से झगड़ा चल रहा है। इनके ग्रुप का हेड मोबीन नामक युवक है इसलिए जानबुझकर उसको फंसाने का प्रयास किया था। पुलिस पड़ताल में सारा सच सामने आने के बाद पुलिस ने आर्म्स एक्ट समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। पुलिस टीम में उप निरीक्षक पंकज कुमार, उपनिरीक्ष अशोक सिरसवाल, हेड कांस्टेबल इसरार, कांस्टेबल अर्जुन, पवन, मनमोहन, नितिन आदि शामिल रहे।