दून अस्पताल के युवा डॉक्टरों के काम की हर तरफ हो रही तारीफ

देहरादून। मसूरी बस हादसे में दून अस्पताल की इमरजेंसी में 32 घायलों को लाया गया। हर तरफ चीख पुकार के बीच युवा डॉक्टरों ने इस तरह से मैनेज किया कि मंत्री, अफसर, वरिष्ठ डॉक्टर सब तारीफ कर रहे हैं। युवा डॉक्टरों ने तत्काल उपचार शुरू किया, फाइलें खुद बनाई और जांचों के लिए भेजा। अस्पताल में इमरजेंसी मेडिसन से डा. नेहा महाजन, ईएमओ डा. अमित अरुण, डा. मुकेश उपाध्याय, डा. प्रशांत चौधरी की देखरेख में एमबीबीएस इंटर्न, पीजी छात्रों, जेआर ने तत्काल मोर्चा संभाला। एसआर डा. रितेश, जेआर डा. सलोनी, पीजी छात्र डा. रहनुमा, डा. शिखर, डा. सिद्दीक, डा. मनन, डा. पदमिनी समेत अन्य डॉक्टरों ने गजब का जज्बा दिखाया। सभी के वाइटल्स चैक किए, उनको दवाई, ड्रिप शुरू की गई। उधर, सीपीआरओ महेंद्र भंडारी, पीआरओ दिनेश रावत और विनोद नैनवाल, अभय नेगी, सचिन वर्मा, अभिषेक, प्रियंका, नर्सिंग अधिकारी पुरुषोत्तम त्यागी मरीजों को शिफ्ट कराने, जांच, दवा उपलब्ध कराने में दौड़ भाग करते रहे। एसडीएम नरेश दुर्गापाल, एसीएमओ डा. सीएस रावत, इंस्पेक्टर विद्याभूषण नेगी खुद बच्चों को गोद में उठाकर भर्ती कराते रहे। अफसरों ने बच्चों को बिस्किट, जूस और चिप्स मंगाकर दिए। पीआरओ कार्यालय में तैनात अस्पताल से हटाया कर्मचारी अमित किसी काम से अस्पताल आया था। हादसे के बाद उससे रहा नही गया और मरीजों को शिफ्ट कराने और भर्ती करने ने जुट गया। मंत्री गणेश जोशी, डा. धन सिंह रावत, निदेशक डा. आशुतोष सयाना, एमएस डा. युसुफ रिजवी, डीएमएस डा. धनंजय डोभाल ने सभी को सराहा।

मसूरी अस्पताल के डॉक्टरों-स्टाफ को सराहा:  सीएमओ डा. संजय जैन ने मसूरी अस्पताल के डॉक्टरों एवं स्टाफ की सराहना की है। उन्होंने कहा कि मसूरी अस्पताल में सभी घायलों को ले जाया गया। वहां पर सीएमएस डा. यतेंद्र सिंह और उनकी टीम ने समय पर उपचार दिया और पूरा प्रबंधन किया। कोरोनेशन में भी पीएमएस डा. शिखा जंगपांगी, ईएमओ डा. मनीष शर्मा की अगुवाई में टीम अलर्ट पर थी।