अल्मोड़ा। उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, नैनीताल के निर्देशानुसार और जनपद न्यायाधीश व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अल्मोड़ा के अध्यक्ष श्रीकांत पांडेय के मार्गदर्शन में, सचिव शचि शर्मा के निर्देशन में मई माह के दौरान जिले के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों, विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में विविध विषयों पर जागरुकता अभियान आयोजित किए जाएंगे। अभियानों की शुरुआत बुधवार को ‘बाल विवाह मुक्त उत्तराखण्ड’ विषयक तीन दिवसीय अभियान से हुई, जिसके अंतर्गत समुदायों में बाल विवाह की कुप्रथा के खिलाफ जनजागरुकता फैलाई जा रही है। इसके बाद 17 और 18 मई को ‘बाल श्रम मुक्त उत्तराखण्ड’ दो दिवसीय अभियान चलेगा, जिसमें बाल श्रम की रोकथाम को लेकर जागरुकता कार्यक्रम आयोजित होंगे। 19 और 20 मई को ‘उड़ान – शोषण से स्वतंत्रता’ विषय पर दो दिवसीय अभियान के तहत बच्चों को शोषण से सुरक्षा के कानूनी उपायों की जानकारी दी जाएगी। इसके पश्चात 21 और 22 मई को नालसा की दो प्रमुख योजनाओं ‘बच्चों के लिए बाल अनुकूल सेवाएं योजना 2024’ तथा “मानसिक व बौद्धिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए कानूनी सेवाएं योजना 2024” के तहत दो दिवसीय अभियान चलाया जाएगा। 23 और 24 मई को ‘सड़क सुरक्षा, जीवन रक्षा’ अभियान के अंतर्गत ट्रैफिक नियमों और दुर्घटना से बचाव संबंधी जानकारी आमजन को दी जाएगी, वहीं 25 और 26 मई को ‘सुरक्षित दवा: सुरक्षित जीवन’ अभियान के माध्यम से दवाओं के सुरक्षित उपयोग और जागरुक उपभोग पर जोर दिया जाएगा। अभियानों की श्रृंखला का समापन 31 मई को ‘तम्बाकू मुक्त देवभूमि उत्तराखण्ड’ एक दिवसीय अभियान के साथ किया जाएगा, जिसमें तंबाकू से होने वाले दुष्परिणामों पर प्रकाश डालते हुए लोगों को नशा मुक्ति के लिए प्रेरित किया जाएगा।