अल्मोड़ा। जिलाधिकारी वन्दना ने बताया कि एक दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित खबर के अनुसार मंगलवार की रात्रि 01:30 बजे बलवन्त लाल अपने पाँच वर्षीय पुत्र आरूष कुमार को 103 डिग्री बुखार होने पर जिला चिकित्सालय के इमरजेंसी वार्ड में उपचार हेतु लाये, परन्तु इमरजेंसी में तैनात चिकित्सक बोलने की स्थिति में नहीं थे। उनकी जुबान लड़खड़ा रही थी और वह पर्चे में दवाईयॉ नहीं लिख सके। उन्होंने बताया कि नशे में धुत चिकित्सक को देखकर परिजनों द्वारा कड़ी नाराजगी जताई तथा काफी देर बहस करने के उपरान्त बच्चे की हालत को देखते हुए दूसरे चिकित्सालय में उपचार हेतु ले गये। अस्पताल में इस तरह चिकित्सक के नशे में धुत पाये जाने से लोगों में रोष व्याप्त है तथा मामले में कड़ी कार्यवाही की मॉग की गई है।
जिलाधिकारी ने इस घटना की जाँच हेतु जाँच समिति का गठन किया है जिसमें मुख्य चिकित्साधिकारी, अल्मोड़ा व उपजिलाधिकारी सदर, अल्मोड़ा है। उन्होंने जॉच समिति को निर्देश दिये है कि यथा आवश्यक आरोपी चिकित्सक का नियमानुसार मेडिकल कराने के उपरान्त घटना की गहनता से जॉच करते हुए विस्तृत जॉच आख्या सुस्पष्ट मन्तव्य एवं संस्तुति सहित जिलाधिकारी कार्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे।