पेंशन धारकों को ‘जीवन प्रमाण-पत्र’ ऑन लाइन अपडेट करने के नाम पर साइबर अपराधी कर रहे फर्जी कॉल

फोन पर आया हुआ ओटीपी नहीं करें साझा

अल्मोड़ा। मुख्य कोषाधिकारी हेमेन्द्र प्रकाश गंगवार ने बताया कि वर्तमान में साइबर अपराधियों द्वारा पेंशन धारकों को ‘‘जीवन प्रमाण-पत्र‘‘ ऑन लाइन अपडेट करने के लिए कॉल किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि साइबर अपराधियों के पास पेंशन धारकों का पूरा डेटा जेसे नियुक्ति का दिनॉंक, सेवानिवृत्ति का दिनॉंक, पी0पी0ओ0 नम्बर (पेंशन भोगी भुगतान आदेश संख्या), आधार कार्ड संख्या, स्थायी पता, ईमेल आईडी, सेवानिवृत्ति पर प्राप्त राशि, मासिक पेंशन, नॉमिनी आदि की जानकारी होती है।
उन्होंने बताया कि साइबर अपराधी उन्हें इस पूरे डेटा के साथ कॉल करते है, ताकि पेंशन धारकों को यह विश्वास दिलाया जा सके कि वे पेंशन निदेशालय/कोषागार/उपकोषागार/पोस्ट ऑफिस/सीएस0सी0 से है। वे पेंशन धारकों का पूरा डेटा बताते हुये उनका जीवन प्रमाण पत्र अपडेट करने हेतु ओटीपी साझा करने के लिए कहते है। उन्होंने बताया कि जब एक बार जब पेंशन धारक फोन पर आये हुए ओटीपी साझा कर देते है तो, जालसाजों को पेंशन धारक के बैंक खाते का डायरेक्ट एक्सेस कन्ट्रोल मिल जाता है। उसके पश्चात् वे पेंशन धारक के खाते में जमा समस्त राशि को तुरन्त दूसरे फर्जी बैंक खातों या वॉलेट में स्थानान्तरित कर देते है। उन्होंने बताया कि पेंशन निदेशालय/कोषागार/उपकोषागार/पोस्ट ऑफिस/सीएस0सी0 से कभी भी किसी पेंशन धारक को उनका जीवन प्रमाण-पत्र ऑनलाइन अपडेट करने के लिए कॉल नहीं करता है और न ही ऑनलाइन जीवन प्रमाण पत्र अपडेट करता है। उन्होंने बताया कि यह पेंशन धारकों का कर्तव्य है कि वे अपन जीवन प्रमाण पत्र को व्यक्तिगत रूप से पेंशन निदेशालय/कोषागार/उपकोषागार/पोस्ट ऑफिस/सीएस0सी0 में जाकर अपडेट करायें तथा इस तरह आने वाली फर्जी कॉलों से बचें व साइबर क्राइम, पुलिस स्टेशन कुमाऊँ 05944-2977622 या ई-मेल ccps.deh@uttrakhandpolice.uk.gov.in को सूचित करें।