देहरादून। साइबर ठगी की रकम खाते में ट्रांसफर होने पर उसे क्रिप्टो करेंसी में बदलकर साइबर गैंग को वापस बेचने वाले दो आरोपी एसटीएफ ने पकड़े हैं। दोनों को पूछताछ के बाद धारा 41 के तहत नोटिस देकर छोड़ दिया गया। दोनों दक्षिण भारतीय एक व्यक्ति से व्हाट्सएप के जरिए संपर्क में आए थे। उसके लिए दोनों काम कर रहे थे। एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि प्रियंका नेगी ने 18.11 लाख रुपये की साइबर धोखाधड़ी को लेकर मुकदमा दर्ज कराया। कहा कि ब्रांडलूम डिजिटल मार्केटिंग कंपनी बनाकर साइबर ठगों ने ऑनलाइन कमाई का झांसा देकर उनसे यह रकम ठगी। तहरीर पर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन देहरादून में केस दर्ज किया। केस की जांच इंस्पेक्टर विकास भारद्वाज को सौंपी गई। जांच में सामने आया कि पीड़ित से ठगी गई रकम में कुछ राशि यस बैंक के एक खाते में जमा कराई गई। उस रकम को बाद में आईसीआईसीआई बैंक शाखा नवलगढ़ जिला सीकर के खाते में ट्रांसफर किया गया। यह खाता कादिर खान निवासी वार्ड तीन ग्राम चूड़ीमियां तहसील लक्ष्मण गढ़ थाना बलारा जिला सीकर के नाम था। खाते का एसएमएस एलर्ट नंबर अनीस खान निवासी मेन बाजार के पास, चूड़ीमियां तहसील लक्ष्मण गढ़ थाना बलारा जिला सीकर का था। पुलिस ने सीकर जिले में दबिश देकर दोनों को हिरासत में लिया। पूछताछ के लिए साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन लाया गया। पूछताछ में दोनों ने बताया कि क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने वाले दक्षिण भारत के एक व्यक्ति से उनका संपर्क व्हाट्सएप के जरिए हुआ। उसने अपनी रकम बताते हुए उनके खाते में 2.46 लाख रुपये डलवाए। जिन्हें क्रिप्टो टोकन में बदलवाकर वापस लिया। इसके एवज में कुछ रकम पीड़ितों को मिली। अपराध में मिलीभगत पाए जाने पर दोनों केस में आरोपी बनाते हुए दोनों को नोटिस देकर छोड़ा गया। आरोपियों से पूछताछ में पता लगा कि क्रिप्टो करेंसी में काम करने वाले व्यक्ति दो करोड़ से ज्यादा रकम क्रिप्टो करेंसी में बदलकर देश से बाहर भेज चुका है।