कांग्रेस का अधिवेशन देश की राजनीति में एक नए अध्याय की शुरुआत

देहरादून(आरएनएस)। गुजरात के अहमदाबाद में आयोजित हुए कांग्रेस के दो दिवसीय अधिवेशन में भाग लेकर उत्तराखंड कांग्रेस के तमाम नेता लौट आए हैं। पार्टी नेताओं ने अधिवेशन को देशी की राजनीति में एक नया अध्याय बताया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि साबरमती के तट पर न सिर्फ कांग्रेस की नीतियों और आगामी रणनीतियों पर मंथन हुआ, बल्कि कांग्रेस को पुनर्स्थापित करने के लिए कई प्रस्तावों पर मोहर लगी। इधर, पार्टी प्रवक्ता ने गरिमा दसौनी ने कहा कि देश की वर्तमान राजनीति का केंद्र बिंदु माने जाने वाले राज्य गुजरात में जहां एक और कांग्रेस ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, वहीं पार्टी को मजबूत करने की दिशा में भी व्यापक विमर्श हुआ। अधिवेशन का नारा था न्यायपथ, संकल्प, समर्पण और संघर्ष। यह नारा न केवल पार्टी के मूल्यों को दर्शाता है, बल्कि सामाजिक न्याय, समावेशी और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के प्रति कांग्रेस की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करता है।
दसौनी ने कहा कि सम्मेलन में जिला अध्यक्षों की शक्तियां बढ़ाई गईं। साथ ही संगठनात्मक पुनर्गठन पर विशेष ध्यान दिया गया। कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने और डिजिटल माध्यमों का उपयोग बढ़ाने का फैसला लिया गया, स्थानीय मुद्दों जैसे किसानो की समस्याएं, छोटे व्यापारियों की कठिनाइयों और युवाओं में बेरोजगारी को अपने अभियान का केंद्र बनाएगी। इसके साथ ही सोशल मीडिया और डिजिटल अभियानों के माध्यम से पार्टी अपनी पहुंच को और व्यापक करने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि यह अधिवेशन पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने में सफल रहा।