छात्रवृत्ति घोटाले में अभियुक्त राजीव कुमार सक्सेना की जमानत याचिका खारिज

अल्मोड़ा। धोखाधड़ी के एक मामले में माननीय अपर सत्र न्यायाधीश मनीष कुमार पाण्डे ने अभियुक्त राजीव कुमार सक्सेना पुत्र स्व प्रेम नारायण सक्सेना अलीगंज लखनऊ उत्तर प्रदेश धारा- 120 बी 409, 420, 467, 468, एवं 471, ता०हि0 के तहत जमानत प्रार्थना खारिज की। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी पूरन सिंह कैड़ा द्वारा अभियुक्त राजीव कुमार सक्सेना की जमानत का घोर विरोध करते हुए माननीय न्यायालय को यह बताया कि अभियुक्त द्वारा मोनाड यूनिवर्सिटी के अधिकारी/ कर्मचारी के साथ मिलकर संस्थान में बिना छात्रों के उपस्थिति के व उक्त संस्थान के बिना छात्रों के शिक्षा ग्रहण किये ही छात्रों से अभिलेख व प्रमाण पत्र प्राप्त कर उनके नाम से बैंक में खाते खोले गये और बिना छात्रों की उपस्थिति के ही छात्रों के के०वाई०सी० फार्म व डेविट आथोरिटी लेटर को भी सत्यापित कर कूट रचित दस्तावेज तैयार कर छात्रों के खातों से छात्रवृत्ति की धनराशि को मोनाड यूनिवर्सिटी के खाते में कुल रूपया 1420200 / (चौदह लाख बीस हजार दो सौ रूपये) हस्तान्तरित किये गये। अभियुक्त द्वारा बिना छात्रों के उपस्थिति के व उक्त संस्थान में शिक्षा ग्रहण किये बिना ही छात्रो के के०वाई०सी० फार्म का भौतिक सत्यापन व डेविट आथोरिटी लेटर को सत्यापित कर दिया गया। जबकि बिना छात्रों के उपस्थिति के भौतिक सत्यापन किया गया उस समय अभियुक्त पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी हापुड़ उत्तर प्रदेश में कार्यरत था। अभियुक्त द्वारा उक्त संस्था के व्यक्तियों के साथ मिलीभगत कर रूपया 1420200/ (चौदह लाख बीस हजार दो सौ रूपये का हड़प/गबन किया गया। इस प्रकार सरकारी धन को अवैध रूप से प्रथम दृष्टया प्राप्त करने व कराने में अभियुक्त की अहम भूमिका रही है यदि अभियुक्त को जमानत पर रिहा किया जाता है, तो वह पुनः अपराध कर अन्य दस्तावेज व साक्ष्यों को प्रमावित कर सकता है। जिस कारण अभियुक्त की जमानत का कोई औचित्य नहीं है। पत्रावली में मौजूद साक्ष्य का परिशीलन कर माननीय न्यायालय ने अभियुक्त की जमानत प्रार्थना पत्र आज दिनांक 22-07-2020 को खारिज की गई। तथा उक्त मामले में सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी शेखर चन्द्र नैलवाल एवं सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी श्री हरीश मनराल ने भी पैरवी की तथा पूर्व में भी माननीय न्यायालय द्वारा अभियुक्त जैन अब्बास एवं अभियुक्त अनुज गुप्ता की भी जमानत प्रार्थना पत्र खारीज की गयी हैं।

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