हरिद्वार। पौराणिक मठ-मंदिरों के भ्रमण के लिए हरिद्वार के जूना अखाड़े से निकली पवित्र छड़ी यात्रा बुधवार को ऋषिकेश पहुंचीं। छड़ी ने ऋषिकेश के विभिन्न सिद्धपीठ प्राचीन मंदिरों का भ्रमण किया। मठ-मंदिरों के दर्शन करने के बाद यात्रा आगे की ओर रवाना हो गई। बुधवार सुबह छड़ी यात्रा सोमेश्वर मंदिर पहुंची। जहां श्रद्धालुओं ने छड़ी यात्रा का स्वागत किया। इसके बाद यह छड़ी यात्रा मायाकुंड स्थित तारा माता मंदिर पहुंची। जहां मंदिर के महंत महेंद्र संध्या गिरी के नेतृत्व में संतों ने छड़ी यात्रा में शामिल संतों का स्वागत किया। इसके पश्चात त्रिवेणी घाट पर छड़ी यात्रा पहुंची, जहां श्रद्धालुओं ने पूजन किया। इसके पश्चात भरत मंदिर, चंद्रेश्वर मंदिर आदि जगहों पर भी छड़ी यात्रा पहुंची। तत्पश्चात यह यात्रा ऋषिकेश से लाखामंडल के लिए रवाना हो गई। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि यह पवित्र छड़ी अखाड़ा परिषद में शामिल सभी अखाड़ों के प्रतिनिधि के रूप में पूरे उत्तराखंड का भ्रमण करती है। इस पवित्र छड़ी यात्रा का मुख्य उद्देश्य सनातन धर्म के प्रचार प्रसार के साथ-साथ उत्तराखंड के उपेक्षित पौराणिक तीर्थ स्थलों का विकास करना है। ताकि इन क्षेत्रों में तीर्थाटन और पर्यटन को बढ़ावा मिले और स्थानीय युवकों को रोजगार प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि उपेक्षित क्षेत्र से युवाओं का पलायन रोकने के लिए इन क्षेत्रों में उच्च स्तरीय शिक्षा, चिकित्सा अन्य मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित करना भी इस यात्रा का उद्देश्य है। इस यात्रा को प्रदेश सरकार द्वारा राजकीय पवित्र यात्रा घोषित किया गया है। हरिद्वार से निकली यह छड़ी यात्रा ऋषिकेश से अब लाखामंडल के लिए रवाना होगी। उसके बाद प्रदेश के अन्य जगहों पर मठों और मंदिरों में भी यह छड़ी यात्रा पहुंचेगी। मौके पर निरंजनी अखाड़े के उप महंत महंत राजगिरी महाराज, जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष महंत प्रेम गिरी महाराज, सचिव महंत महेश पुरी, महंत शैलेंद्र गिरी, महंत केदारपुरी, महंत पूर्णागिरि, महंत पुष्कर गिरी, कोठारी महाकाल गिरी, महंत रतन गिरी, महंत ग्वालापुरी, महंत धीरेंद्र पुरी, वशिष्ठ गिरी, पुष्कर गिरी, पुष्पगिरी, खुशी गिरी, महंत गुप्त गिरी, गंभीर मेवाड़, संजय शास्त्री, सुमर सिंह आदि उपस्थित रहे।