चंदन की खेती से आय सृजन पर कृषकों ने साझा किए कृषि में नवाचार

अल्मोड़ा। विकसित कृषि संकल्प अभियान के अंतर्गत विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान अल्मोड़ा के विभागाध्‍यक्ष, फसल सुधार डॉ. निर्मल कुमार हेडाउ के नेतृत्‍व में वैज्ञानिकों के एक दल ने ग्राम बाड़ीकोट, विकासखण्‍ड भिकियासैंण जिला अल्‍मोड़ा के कृषक आनन्‍द सिंह से संवाद किया गया। इस दौरान आनन्द सिंह ने बताया कि किस प्रकार उन्होंने पारंपरिक खेती से आगे बढ़ते हुए चंदन की खेती के माध्यम से आय सृजन की दिशा में नवाचार किया है। उनके द्वारा 8 से 10 नाली क्षेत्रफल में लगे चन्‍दन की फसल से प्रतिवर्ष रूपया 7 से 8 लाख की आय प्राप्‍त होती है। उन्‍होंने बताया चन्‍दन एक परजीवी पौधा है तथा इसमें जानवरों द्वारा कोई नुकसान नहीं किया जाता। अत: इसकी खेती पर्वतीय क्षेत्रों हेतु एक अच्‍छा विकल्‍प हो सकती है। अभियान के सातवें दिन संस्थान के वैज्ञानिकों ने अल्‍मोड़ा और चमोली जिले के 4 विकासखण्‍डों के 19 गांवों के 463 किसानों से सीधा संवाद कर उन्हें खरीफ फसलों जैसे मडुवा, मादिरा, दलहन एवं सब्‍जी फसलों की उन्नत किस्मों तथा उनकी सस्‍य एवं सुरक्षा तकनीकों की जानकारी देकर कृषि में नवाचारों को अपनाने हेतु प्रेरित किया। डॉ. के. के. मिश्रा ने एकीकृत रोग प्रबंधन तथा पर्यावरण अनुकूल उपायों एवं रोगों की समय से पहचान कर हानिकारक कीटनाशकों पर निर्भरता कम करने की सलाह दी। चमोली के परसारी एवं मेरग गांव में विशेषज्ञों द्वारा 136 जनजातीय कृषकों से संवाद किया गया। कार्यक्रमों का उद्देश्य किसानों के बीच वैज्ञानिक कृषि ज्ञान तथा विभागीय योजनाओं की जानकारी का प्रसार करना था। इसमें कृषि, बागवानी और अन्‍य विभागों के विशेषज्ञों ने भी भाग लिया। यह अभियान निदेशक डॉ. लक्ष्‍मीकान्‍त के नेतृत्‍व में संस्‍थान द्वारा अल्‍मोड़ा एवं चमोली जिले में किया जा रहा है। नोडल अधिकारी डॉ. कुशाग्रा जोशी ने कहा कि यह अभियान वैज्ञानिकों एवं किसानों के परस्‍पर ज्ञानवर्धन का माध्‍यम है।