विकासनगर(आरएनएस)। चालदा महासू महाराज सेवा समिति खत शैली के दोहा गांव में आयोजित 12 खतों की विशेष बैठक में चालदा महासू महाराज की दो पालकियों को एक पालकी बनाने को लेकर सहमति नहीं बन पाई है। बैठक में 12 खतों से प्रत्येक गांव से दो-दो प्रतिनिधि इस विशेष बैठक में आमंत्रित किए गए थे। दोहा स्थित मंदिर प्रांगण में आयोजित 12 खतों की बैठक में चालदा महाराज के साथ जो दो पालकी चलती है उसको एक ही पालकी के रूप में विलय करने को लेकर निर्णय लिया जाना था। परंतु बैठक में इस बात की सहमति नहीं बन पाई। अंतिम निर्णय यह हुआ कि जब महाराज का प्रवास का क्रम पूरा हो जाएगा, उसके बाद ही निर्धारित किया जाएगा।
दरअसल, चालदा महाराज की प्रारंभ से ही एक पालकी होती थी। जो विभिन्न स्थानों पर प्रवास में जाती थी। परंतु चन्दौऊ में जब चालदा महाराज प्रवास पर थे, उस दौरान खत अठगांव वासियों ने श्रद्धापूर्वक एक और पालकी का निर्माण कर देवता के साथ उस पालकी को भी देव दर्शन के लिए जोड़ दिया। चन्दौऊ से आने के बाद देवता विभिन्न स्थानों पर विराजित रहे और वह पालकी साथ-साथ चलती रही। अब यह निर्णय होना था कि दोनों पालकियों की एक भव्य और दिव्या पालकी बनाई जाए। इस अवसर पर देवता के बजीर बलदेव सिंह तोमर, खत सैली के सदर स्याणा राजेंद्र सिंह तोमर, देवता के भंडारी दीवान सिंह, ब्लॉक प्रशासक मठोर सिंह चौहान, स्याणा समाल्टा अर्जुन सिंह तोमर, स्याणा लखवाड़ दिग्विजय सिंह, स्याणा कोरू सुनील जोशी, स्याणा कोटा तपलाड़ विजपाल सिंह चौहान, उपलगांव के सदर स्याणा दिनेश सिंह,स्याणा सिलगांव मोती राम शर्मा,स्याणा बमटाड़ बुद्ध सिंह तोमर मोहर सिंह चौहान, संजय भट्ट,बारू जोशी, गंभीर सिंह, राजेंद्र सिंह, इंद्र सिंह आदि मौजूद रहे।
चालदा महासू महाराज की एक पालकी बनाने में नहीं बनी सहमति
