काशीपुर(आरएनएस)। नगर मंदिर से मां बाल सुंदरी का डोला हजारों श्रद्धालुओं के साथ डीजे की धुन और ढोल नगाड़ों की थाप पर नगर मंदिर से विभिन्न मार्गों से होता हुआ चैती मंदिर पहुंचा। इस दौरान मंदिर में पहुंचते ही प्रसाद चढ़ाने के लिये श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। सोमवार की देर रात नगर मंदिर में धार्मिक अनुष्ठान शुरू हुए। इस दौरान कलश स्थापना, दुर्गा सप्तशती पाठ, हवन यज्ञ के साथ ही नारियल और जायफल की प्रतीकात्मक बलि दी गई। नगर मंदिर में हजारों श्रद्धालुओं ने मां बाल सुंदरी के दर्शन कर प्रसाद चढ़ाया। मंगलवार तड़के करीब तीन बजे पंडा विकास अग्निहोत्री मां बाल सुंदरी की स्वर्ण प्रतिमा लेकर डोले में सवार हुई। जहां से डोला मनसा देवी रोड, मुख्य बाजार नगर निगम रोड, महाराणा प्रताप चौक और द्रोण सागर के पीछे टीले वाली सड़क से होते हुए चैती मंदिर पहुंचा। डोले का जगह-जगह पुष्प वर्षा से स्वागत किया गया। वहीं मां के दर्शन करने लोग घरों के बाहर व सड़कों पर खड़े नजर आये। डोले के साथ भी हजारों श्रद्धालु डीजे की धुन और आतिशबाजी के बीच नाचते गाते चल रहे थे। चैती मंदिर में मां बाल सुंदरी के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ पहले से जमा थी। डोले के मंदिर पहुंचते ही हजारों श्रद्धालुओं ने मां के दर्शन कर प्रसाद चढ़ाया। वहीं भीड़ को नियंत्रित करने के लिये पुलिस फोर्स के साथ ही वालंटियर भी तैनात किये गये थे।
22 अप्रैल की चैती मंदिर से नगर मंदिर आएगा डोला
चैती मंदिर से मां बाल सुंदरी का डोला 22 अप्रैल की मध्यरात्रि विधि विधान से पूजा अर्चना कर वापस नगर मंदिर पहुंचेगा। वहीं डोला चैती मंदिर पहुंचने के बाद श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने लगी। नवमी व दशमी के दिन बुक्सा समुदाय के हजारों लोग भी अपनी कुल देवी की पूजा-अर्चना कर प्रसाद चढ़ाएंगे। मंदिर भवन में भी पुलिस की व्यापक व्यवस्था की गई है।