अल्मोड़ा। अल्मोड़ा में हत्या के एक मामले में विशेष सत्र न्यायाधीश मलिक मजहर सुल्तान ने चाचा की हत्या के आरोपी को आइपीसी की धारा 302 के तहत दोषी पाते हुए अजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वहीं आरोपित पर पांच हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। बीते 16 अप्रैल 2019 को मोती राम तिवारी पुत्र बची राम तिवारी निवासी जिगोली तोली ने दशौला बड़ियार राजस्व क्षेत्र में तहरीर दी थी। कहा गया कि 12 अप्रैल को आनंद बल्लभ तिवारी अपनी भाभी बसंती देवी के साथ पूजा के लिए गांव में आया था। बसंती देवी का पुत्र सुभाष तिवारी ने अपने मां से पैसे मांगें। मां ने पैसे देने से इंकार किया तो वह उससे लड़ाई करने लगा। इस दौरान सुभाष को चाचा ने डांठा तो वह अपने घर चला गया। उसने चाचा को धमकाया और जान से मारने की धमकी दी। उसी रात ढाई से तीन बजे आनंद के घर के बाहर से आवाज आई जब सुबह कमरे में देखा तो आनंद वहां नहीं था। उसके बाद आनंद की सास सरस्वती देवी जब गेहूं काटने खेत को जा रही थी तो उन्हें आनंद का शव खेत में पड़ा मिला। उसके शव को गोबर और घास से ढका था। स्वजनों ने घटना की सूचना राजस्व उप निरीक्षक मनोज गिरी को दी। राजस्व उप निरीक्षक ने मौक पर पहुंच शव को कब्जे में लेकर पंचनामा भरा और पोस्टमार्टम के बाद स्वजनों के सुपुर्द कर दिया। राजस्व पुलिस ने तहरीर के आधार पर कार्रवाई करते हुए आरोपित सुभाष तिवारी को खलटिया गांव के पास पकड़ा। आराेपित के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया था। पूरे मामले की सुनवाई करते हुए जिला सत्र न्यायधीश मलिक मजहर सुल्तान ने आराेपित को हत्या का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अभियोजन की तरफ से जिला शासकीय अधिवक्ता पूरन सिंह कैड़ा, विशेष लोक अभियोजक भूपेंद्र कुमार जोशी, शेखर चंद्र नैलवाल ने मामले की पैरवी की।