मुख्य वन संरक्षक धीरज पाण्डेय ने वनाग्नि सुरक्षा तैयारियों की ली समीक्षा

अल्मोड़ा। कुमाऊँ मंडल के मुख्य वन संरक्षक डॉ. धीरज पाण्डेय ने अपने चार दिवसीय क्षेत्रीय भ्रमण कार्यक्रम के तहत सोमवार को बागेश्वर और अल्मोड़ा जनपदों के विभिन्न वन प्रभागों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने कौसानी, सोमेश्वर, ताड़ीखेत, देवलीखाल और रातिघाट फायर क्रू स्टेशनों सहित केन्द्रीय लीसा डिपो, पायखम का निरीक्षण किया और वनाग्नि सुरक्षा तैयारियों की गहन समीक्षा की। डॉ. पाण्डेय ने वनाग्नि प्रबंधन को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि आगामी वनाग्नि काल के लिए सभी आवश्यक तैयारियां समय रहते पूरी कर ली जाएं। उन्होंने वन क्षेत्रों में निगरानी के लिए कैमरे लगाने, ड्रोन तकनीक के माध्यम से वनाग्नि पर नजर रखने और प्रभावी मुखबिर तंत्र विकसित करने पर बल दिया ताकि आगजनी की घटनाओं के लिए जिम्मेदार तत्वों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जा सके। उन्होंने बताया कि मंडल के समस्त अग्नि प्रहरियों का जीवन बीमा कराया जा चुका है और उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया है। केन्द्रीय लीसा डिपो, पायखम में वनाग्नि से सुरक्षा की व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए उन्होंने सुरक्षा प्रणाली को और अधिक सुदृढ़ करने के निर्देश दिए। ताड़ीखेत स्थित मॉडल क्रू स्टेशन में डॉ. पाण्डेय ने अग्नि प्रहरियों और फील्ड स्टाफ से संवाद किया और कार्य की गंभीरता तथा संवेदनशीलता को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने मौके पर उपस्थित मीडिया प्रतिनिधियों से भी वार्ता की। दौरे के दौरान बागेश्वर वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी दीपक सिंह, भूमि संरक्षण वन प्रभाग रानीखेत के प्रभागीय वनाधिकारी हेम चन्द्र गहतोड़ी, उप प्रभागीय वनाधिकारी अल्मोड़ा चैतन्य काण्डपाल, उप प्रभागीय वनाधिकारी रानीखेत काकुल पुंडीर, वन क्षेत्राधिकारी रानीखेत तापस मिश्र, बैजनाथ और सोमेश्वर के वन क्षेत्राधिकारी मनोज लोहनी भी उपस्थित रहे।