बिजली की दरों में प्रस्तावित वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन का निर्णय

देहरादून। उत्तराखंड में बिजली की दरों में प्रस्तावित वृद्धि के खिलाफ विपक्षी दलों और सामाजिक संगठनों ने 21 नवंबर को देहरादून में प्रदर्शन का निर्णय किया है। इसके तहत जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा जाएगा। देहरादून में सीपीएम के जिला कार्यालय में आज हुई बैठक में प्रदर्शन का निर्णय किया गया।
इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि ऊर्जा निगम की ओर से बार -बार बिजली की दरों में वृद्धि की जा रही है। पिछले साल भी कई बार वृद्धि की गई। एक तरफ आम जनता महंगाई के त्रस्त है। वहीं, दूसरी तरफ बिजली की दरों में बार बार वृद्धि करके उन पर दोहरी मार डाली जा रही है। इससे आम जनता में भारी रोष व्याप्त है।
वक्ताओं ने कहा है कि निजी कम्पनियों के दबाव तथा फिजूलखर्ची के चलते ऊर्जा निगम बार- बार बिजली के दरों में वृद्धि कर जनता से धोखा कर रहा है। बड़े बकायेदारों से वसूली करने के बजाय आमजन पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ डाला जा रहा है। वक्ताओं ने कहा है कि पिछले कई महीनों से ऊर्जा निगम की ओर से उपभोक्ताओं को उपयोग के विपरीत बिजली के बिल भेजे जा रहे हैं। इससे उपभोक्ताओं में भारी रोष व्याप्त है।
वक्ताओं ने उतरकाशी टनल में फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने की मांग भी राज्य सरकार से की। साथ ही देहरादून में बिगड़ती कानून व्यवस्था तथा लूटपाट ‌कि घटना पर चिन्ता व्यक्त की। बैठक में नवनीत गुंसाई, राजेन्द्र पुरोहित, अनन्त आकाश‌, अशोक ‌शर्मा, ‌एस एस रजवार‌, लेखराज, भगवन्त पयाल, प्रभात डण्डरियाल, बालेश बवानिया, जयकृत‌‌‌ कण्डवाल, सुरेश‌ कुमार, विपुल नौटियाल, रविंद्र नौडियाल आदि उपस्थित थे।