चमोली(आरएनएस)। धियाणियों को आशीर्वाद देने के लिए 14 वर्ष बाद गांवों का भ्रमण कर रही सिमली क्षेत्र की राजराजेश्वरी चंडिका देवी की बन्याथ यात्रा बुधवार को मालई गांव पहुंची। इससे पहले एरोली गांव के लोगों ने देवी को नम आंखों से विदा किया। देवी ने धियाणियों को राजी खुशी रहने का आशीर्वाद दिया। इस दौरान ब्रहमगुरु विशंभर सती और देवी के पश्वाओं की ओर से गाए गए विदाई गीत…ध्याण की बेटी रंगे रायो…ध्याणी घरों मां रंगे रायो आदि गीत सुनकर धियाणियों की आंखों में आंसू आ गए। राजराजेश्वरी चंडिका देवी अभी तक 22 दिनों के भ्रमण में करीब 50 से अधिक गांवों को भ्रमण कर चुकी हैं। मंगलवार को देवी ऐरोली गांव पहुंची थी। बुधवार को देवी ने गांव का भ्रमण किया और घरों में जाकर ग्रामवासियों को आशीर्वाद दिया। इस दौरान देवी के पश्वाओं ने परंपरागत एरवाला नृत्य किया। इन दिनों ससुराल से मायके आई धियाणियों ने धूप-दीप से आराधना कर देवी को चूड़ी, बिंदी, चुनरी सहित अन्य श्रृंगार सामग्री अर्पित की। दोपहर में विदाई की बेला पर ऐरोली के ग्रामीण देवी को विदा करने गए। विदाई की बेला पर धियाणियों की आखों में आंसू आ गए। शाम को देवी मालई गांव पहुंची। जहां भक्तों ने उनका पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत किया। इस मौके पर पुजारी कांति प्रसाद गैरोला, ब्रह्मगुरू विशंबर दत्त सती, मुकेश नगी, शांति गैरोला, रविंद्र नेगी आदि मौजूद रहे।