अल्मोड़ा। क्वारब डेंजर जोन की समस्या को लेकर केंद्र सरकार पूरी तरह गंभीर है और इस दिशा में तीव्र गति से कार्य किया जा रहा है। यह जानकारी शुक्रवार को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री अजय टम्टा ने कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि क्वारब की स्थिति केवल एक निर्माण चुनौती नहीं, बल्कि यह जनसुरक्षा और क्षेत्रीय संपर्क से जुड़ा विषय है, जिसे लेकर सरकार पूरी तरह संकल्पबद्ध और प्रतिबद्ध है। मंत्री टम्टा ने बताया कि टीएचडीसी द्वारा किए गए तकनीकी अध्ययन के आधार पर कार्य को दो चरणों में विभाजित किया गया है। पहले चरण में सड़क के निचले हिस्से में, नदी से लेकर सड़क तक सुरक्षा दीवार और एंकरिंग कार्य के लिए 17.14 करोड़ रुपये स्वीकृत किए जा चुके हैं, और यह कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। दूसरे चरण के तहत सड़क के ऊपरी भाग यानी पहाड़ी हिस्से में ट्रीटमेंट के लिए 51.37 करोड़ रुपये की स्वीकृति भी सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से मिल चुकी है, जिसे जल्द प्रारंभ किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि यह कार्य क्षेत्र की भौगोलिक जटिलताओं को ध्यान में रखते हुए वैज्ञानिक और स्थायी समाधान की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसके अतिरिक्त आपात वैकल्पिक मार्ग के रूप में काकड़ीघाट-डोबा-चौसली मार्ग के सुधारीकरण का कार्य भी तेज़ी से चल रहा है, ताकि मानसून के दौरान यातायात में बाधा न आए। उन्होंने यह भी बताया कि डोबा-चौसली-काकड़ीघाट मार्ग के किमी 2 पर स्थित पुल को एनएच-109 के किमी 53 से जोड़ने का प्रस्ताव मंत्रालय को भेजा गया है और इसकी स्वीकृति शीघ्र मिलने की उम्मीद है। बैठक के दौरान अजय टम्टा ने दोहराया कि क्वारब क्षेत्र की सुरक्षा और स्थायित्व के लिए धन की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि वे स्वयं कार्य की नियमित समीक्षा कर रहे हैं और सरकार इस विषय को पूरी गंभीरता से ले रही है। बैठक में जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडे, मुख्य विकास अधिकारी दिवेश शाशनी, एसडीएम संजय कुमार, राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिशासी अभियंता अशोक कुमार समेत विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।