अब हर भर्ती परीक्षा में नकल अध्यादेश के प्रावधान शामिल: धामी

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि उत्तराखंड में अब भी भर्ती परीक्षाएं होंगी, उनमें नकल अध्यादेश के प्रावधान लागू होंगे। कहा कि सरकार हर कीमत पर छात्र-छात्राओं का हित चाहती है। शुक्रवार दोपहर सचिवालय में मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य के ईमानदार और मेहनती छात्र-छात्राओं की किसी भी सूरत में अहित नहीं होने देंगे। इसीलिए जिन-जिन परीक्षाओं में गड़बड़ी होने की शिकायतें मिली, सरकार ने पहले उनकी जांच कराई और नकल माफिया व अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी कर परीक्षाएं रद्द की। उन्होंने कहा कि परीक्षाएं रद्द करने के बाद तत्काल भर्ती परीक्षाओं की नई तिथि घोषित की गई। इसके साथ ही उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में अभ्यर्थियों के लिए यात्रा की निशुल्क व्यवस्था की गई और परीक्षा फार्म का शुल्क भी नहीं लिया गया। कहा कि नकल अध्यादेश को 10 फरवरी की कैबिनेट में आना था, लेकिन इस दौरान कई कैबिनेट मंत्रियों के बाहर कार्यक्रम लगे थे। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि कैबिनेट न होने के बावजूद उन्होंने अध्यादेश का विचलन से अनुमोदन किया और इसे राज्यपाल को भेज दिया है। यह भी तय कर दिया, अब जितने भी परीक्षाएं होंगी, उन सभी में नकल अध्यादेश के प्रावधान लागू होंगे। अध्यादेश में सरकार ने नकल माफिया के लिए 10 साल की कैद का प्रावधान करने के साथ ही सारी संपत्ति जब्त करने का प्रावधान बनाया है। उन्होंने कहा कि जो परीक्षार्थी नकल में शामिल पाए जाते हैं, वे अगले दस वर्ष तक किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे। अध्यादेश में यह सब व्यवस्था है। कहा कि यह देश का सबसे सशक्त नकल विरोधी कानून। उन्होंने राज्य के छात्र-छात्राओं किसी के बहकावे में न आने की अपील की और कहा कि वे परीक्षाओं की तैयारियां करें। सभी परीक्षाएं पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से होंगी।
कांग्रेस पर हमला साधा:  मुख्यमंत्री धामी ने अप्रत्यक्ष तौर पर कांग्रेस पर भी हमला साधा। कहा कि कुछ राजनीतिक संगठन जो देश और उत्तराखंड के भीतर अपनी जमीन पूरी तरह से खो चुके हैं। अब वे छात्र-छात्राओं का आगे कर उनके कंधों पर बंदूक रख कर इस प्रकार का काम कर रहे हैं, जैसे कल देखा गया। कहा कि कुछ लोग कल छात्रों के बीच में आ गए और पत्थर फेंक कर आंदोलन को हिंसक बनाया। निश्चित तौर पर जिला प्रशासन इसे अपनी जांच में देखेगा। उन्होंने छात्र-छात्राओं को विश्वास दिलाया कि उनके साथ कोई गलत नहीं होगा।