हरिद्वार(आरएनएस)। योगगुरु रामदेव ने कहा कि आचार्यकुलम् विश्व का एकमात्र शिक्षण संस्थान है, जहां योग व आध्यात्म से प्राप्त संस्कारों से विद्यार्थी का नित्य शिखरारोहण होता है। कहा कि दीक्षारोहण का पावन उत्सव सकारात्मकता व पुरुषार्थ का संवाहक है। यह बातें उन्होंने दीक्षारोहण के दौरान कही। योगगुरु रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की ओर से स्थापित आवासीय विद्यालय आचार्यकुलम् में शनिवार को सत्र 2024-25 की कक्षा 12वीं के विद्यार्थियों के दीक्षारोहण का पावन उत्सव वैदिक रीति से संपन्न हुआ। इस मौके पर आचार्यकुलम् शिक्षण संस्थान में 13 कुण्डीय विशेष यज्ञ का आयोजन किया गया। कक्षा 12वीं के 57 बालकों व 40 बालिकाओं सहित कुल 97 विद्यार्थियों का दीक्षारोहण वैदिक रीति से संपन्न हुआ।
मंत्रोच्चार के मध्य योगगुरु ने प्रत्येक क्रियाविधि की सरल व्याख्या की। सभी विद्यार्थियों ने रामदेव की ओर से प्रज्ज्वलित ‘महाज्ञान ज्योति से अपने दीपों को प्रज्ज्वलित कर दीक्षारोहण की प्रतिज्ञा ली और आचार्यकुलम् से प्राप्त शिक्षा व संस्कारों को सर्वत्र प्रसारित करने का संकल्प व्यक्त किया। योगगुरु ने सभी विद्यार्थियों को अपने करकमलों से प्रतीकचिह्न भेंट किए और सुमनवृष्टि कर शुभाशीष प्रदान किया।
आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि दीक्षाप्राप्त विद्यार्थियों को योग व यज्ञ के अनुशासन का सदैव पालन करना चाहिए। आचार्यकुलम् प्रबंधन की उपाध्यक्षा डॉ. ऋतंभरा शास्त्री और प्राचार्या स्वाति मुंशी ने भी विद्यार्थियों को आगामी बोर्ड की परीक्षाओं हेतु शुभकामनाएं व शुभाशीष प्रदान किया। इस मौके पर पतंजलि विश्वविद्यालय की कुलानुशासिका और डीन साध्वी देवप्रिया, आशु, पारुल, डॉ. स्नेहा, पतंजलि शोध संस्थान के शोध विशेषज्ञ डॉ. अनुराग वार्ष्णेय, भारतीय शिक्षा बोर्ड के कार्यकारी अध्यक्ष एनपी सिंह, भारत स्वाभिमान व पतंजलि सोशल मीडिया के मुख्य केंद्रीय प्रभारी राकेश मित्तल, पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलानुशासक स्वामी आर्षदेव, वैदिक गुरुकुलम् के प्राचार्य स्वामी ईशदेव, पतंजलि आयुर्वेद महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अनिल यादव आदि शामिल रहे।