अल्मोड़ा/द्वाराहाट: कत्यूरी शासन काल से ही विषुवत् संक्रांति की अंतिम रात्रि बुधवार को द्वाराहाट से 7 किलोमीटर दूर विमाण्डेश्वर धाम में लगने वाले बिखौती मेले का दिन में सांस्कृतिक व रंगारंग कार्यक्रमों से शुभारंभ होने के बाद रात्रि में यह मेला आयोजित हुआ, जिसमें निकटवर्ती गांवों के थोकदारों के नेतृत्व में नगाड़े-निसाणों व वाद्य यंत्रों के साथ चिमटे की थाप में मेलार्थी झोड़ा, चांचरी, भगनौल व लोकगीतों का गायन करते हुए देर रात विमाण्डेश्वर धाम अपने-अपने डेरों में प्रवेश किया। सभी रणबाकुरों ने अपनी अपनी रस्म अदायगी की, जिसके बाद सुबह नंदिनी एवं सुरभि नदी के संगम पर स्नान कर पूजा-अर्चना की। आपको बता दे की ये सभी रणबाकुरे दूसरे दिन यानी आज द्वाराहाट में बट-पूजन के साथ छोटी स्याल्दे में शामिल होते हैं। 15 अप्रैल को मुख्य स्याल्दे-बिखौती मेला लगेगा, इस मेले में आल, गरख व न्यौज्यूला धड़ों के ग्रामीण अपनी-अपनी बारी के अनुसार मुख्य बाजार में ओढ़ा भेंटने की रश्म अदायगी करते हैं। जबकि मेले के चौथे व पांचवें रोज मीना बाजार लगती है। इसमें गांव-गांव से पहुंचे मेलार्थी खूब खरीदारी करते हैं।
(रिपोर्ट: मनीष नेगी, द्वाराहाट)