देहरादून(आरएनएस)। खुद को भारत सरकार के एससी-एसटी आयोग में सीए (चार्टर्ड अकाउंटेंट) बताकर एक महिला से लाखों रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में दिल्ली निवासी एक पुरुष और एक महिला के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। आरोप है कि एनजीओ के नवीनीकरण और प्रोजेक्ट में साझेदारी का झांसा देकर पीड़ितों से कुल 10.50 लाख रुपये हड़प लिए गए। रकम वापस मांगने पर आरोपियों ने जान से मारने की धमकी भी दी। शहर कोतवाल प्रदीप पंत ने बताया कि खुड़बुड़ा स्ट्रीट निवासी सुनीता धारिया ने तहरीर दी। बताया कि वह एक संस्था चलाती हैं। उनकी जान-पहचानशिक्षक आरडी शर्मा से थी। शिक्षक ने ही उन्हें मार्तंड मिश्रा निवासी लक्ष्मी नगर, पूर्वी दिल्ली और उसकी सहयोगी अर्चना जैन निवासी प्रीत विहार, दिल्ली से मिलवाया था। मार्तण्ड मिश्रा ने खुद को एससी-एसटी आयोग भारत सरकार में सीए के पद पर कार्यरत बताया था। पीड़िता का आरोप है कि मार्तण्ड मिश्रा ने उनकी संस्था का 80-जी प्रमाण पत्र रिन्यू कराने का भरोसा दिया। इसके नाम पर कई बार में ऑनलाइन और आरटीजीएस के माध्यम से पैसे लिए गए। इसके अलावा दोनों आरोपी देहरादून आए और ऋषिकेश में चल रहे अपने एक प्रोजेक्ट में भागीदारी कराने का प्रलोभन दिया। अर्चना जैन ने भरोसा दिलाया कि यदि प्रोजेक्ट नहीं मिला तो वह अपनी जिम्मेदारी पर पैसे वापस कर देंगी। आरोपियों ने सुनियोजित साजिश के तहत पीएनबी बैंक खाते से 6 लाख रुपये, ऋषिकेश प्रोजेक्ट के नाम पर 2 लाख रुपये नकद और ऑनलाइन माध्यमों से करीब 2.5 लाख रुपये लिए। इस प्रकार कुल 10 लाख 50 हजार रुपये की ठगी की गई। काफी समय बीतने के बाद भी न तो 80-जी सर्टिफिकेट मिला और न ही प्रोजेक्ट में कोई काम हुआ। जब पीड़िता ने अपने पैसे वापस मांगे तो आरोपियों ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी। शहर कोतवाल पंत ने बताया कि तहरीर के आधार पर मार्तंड मिश्रा और अर्चना जैन के खिलाफ धोखाधड़ी और धमकी देने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
