देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई उत्तराखंड कैबिनेट बैठक में ऐसे निर्णय लिए गए, जो सीधे युवाओं, स्थानीय रोजगार, धार्मिक कानून और बुनियादी ढांचे से जुड़े हैं। कुल 26 प्रस्तावों पर चर्चा हुई, जिनमें अधिकांश को मंजूरी दी गई। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इन फैसलों में आगामी चुनावी रणनीति के संकेत भी साफ झलकते हैं।

अग्निवीरों को 10% क्षैतिज आरक्षण
राज्य सरकार ने ‘अग्निवीर’ योजना के तहत सेवा पूरी कर चुके युवाओं को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण और आयु में छूट देने का निर्णय लिया है। इसे सेना पृष्ठभूमि वाले परिवारों और युवाओं के लिए सकारात्मक कदम माना जा रहा है। इसके साथ ही सिडकुल में 5 प्रतिशत रोजगार स्थानीय लोगों को देने का फैसला औद्योगिक इकाइयों और प्रदेश के युवाओं के लिए नए अवसर खोलेगा।

धर्मांतरण कानून और सख्त
धर्मांतरण रोकथाम कानून को और कड़ा बनाते हुए अब इसमें गैंगस्टर एक्ट जैसी धाराएं जोड़ी जाएंगी और दोषियों को 14 साल तक की सजा का प्रावधान होगा। इसे भाजपा के सांस्कृतिक और सामाजिक एजेंडे से जोड़कर देखा जा रहा है, जिससे ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्रों में मतदाताओं पर असर पड़ने की संभावना है।

संविदा कर्मियों और ढांचागत विकास पर निर्णय
संविदा और आउटसोर्स कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति गठित की जाएगी। वहीं, पंतनगर एयरपोर्ट से जुड़ी हाईवे परियोजना के एलाइनमेंट बदलाव के खर्च पर राज्य जीएसटी माफी का निर्णय औद्योगिक विकास को गति देने वाला माना जा रहा है।

धार्मिक और विकास योजनाएं
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति में उपाध्यक्ष पद सृजन का प्रस्ताव धार्मिक महत्व के साथ-साथ पर्यटन और तीर्थाटन क्षेत्रों में समर्थन जुटाने का प्रयास है। इसके अलावा लखवाड़ जल विद्युत परियोजना, सूचना प्रौद्योगिकी और नवाचार नीति 2025, सहकारी बैंकिंग भर्ती सुधार और उच्चतर न्यायिक सेवा व पंचायती राज कानून में संशोधन को मंजूरी दी गई।

धामी मंत्रिमंडल के इन फैसलों को रोजगार, कानून-व्यवस्था और प्रशासनिक सुधार की दिशा में अहम माना जा रहा है, जबकि राजनीतिक हलकों में इसे आगामी चुनावी तैयारी का महत्वपूर्ण चरण समझा जा रहा है।